मुंबई , अक्टूबर 27 -- बॉलीवुड की मशहूर पार्श्वगायिका अनुराध पौडवाल आज 71 वर्ष की हो गयीं।

अनुराधा पौडवाल का जन्म 27 अक्टूबर 1954 को कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ करवार में हुआ। अनुराधा पौडवाल ने अपनी पढ़ाई मुंबई के जैवियर कॉलेज से की।बचपन से ही उनका रुझान संगीत की ओर था और वह पार्श्वगायिका बनने का सपना देखा करती थी।अपने सपनों को साकार करने के लिए उन्होंने बॉलीवुड का रुख किया।आरंभिक दिनों में उन्हें हालांकि काफी संघर्ष करना पड़ा। उन्होंने वर्ष 1973 में प्रदर्शित फिल्म "अभिमान" से अपने करियर की शुरूआत की। सुपरस्टार अमिताभ बच्चन और जया भादुड़ी की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म में उन्हें मशहूर संगीतकार सचिन देव बर्मन के निर्देशन में एक संस्कृत के श्लोक गाने का अवसर मिला जिससे अमिताभ बच्चन काफी प्रभावित हुये।

वर्ष 1974 में अनुराधा पौडवाल को मराठी फिल्म यशोदा में भी पार्श्वगायन करने का अवसर मिला।वर्ष 1976 में प्रदर्शित फिल्म कालीचरण में उनकी आवाज में एक बटा दो दो बटा चार उन दिनों बच्चों में काफी लोकप्रिय हुआ था। इस बीच अनुराधा ने आपबीती, उधार का सिंदूर, आदमी सड़क का, मैने जीना सीख लिया, जाने मन और दूरियां जैसी बी और सी ग्रेड वाली फिल्मों में पार्श्यगायन किया लेकिन इन फिल्मों से उन्हें कोई ख़ास फायदा नहीं पहुंचा।

लगभग सात वर्ष तक मायानगरी मुंबई में संघर्ष करने के बाद 1980 में जैकी श्रॉफ और मीनाक्षी शेषाद्रि अभिनीत फिल्म हीरो में लक्ष्मीकांत प्यारे लाल के संगीत निर्देशन में तू मेरा जानू है तू मेरा दिलवर है की सफलता के बाद अनुराध पौडवाल बतौर पार्श्वगायिका फिल्म जगत में कुछ हद तक अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गयी।

वर्ष 1986 में प्रदर्शित फिल्म उत्सव बतौर पार्श्वगायिका उनके करियर की महत्वपूर्ण फिल्म साबित हुयी।शशि कपूर के बैनर तले बनी इस फिल्म में अनुराधा को लक्ष्मीकांत प्यारे लाल के संगीत निर्देशन में मेरे मन बजा मृदंग गीत गाने का अवसर मिला जिसके लिये वह सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायिका के फिल्म फेयर पुरस्कार से भी सम्मानित की गयी।अनुराधा पौडवाल की किस्मत का सितारा वर्ष 1990 में प्रदर्शित फिल्म आशिकी से चमका।बेहतरीन गीत-संगीत से सजी इस फिल्म की जबरदस्त कामयाबी ने न सिर्फ अभिनेता राहुल राय, गीतकार समीर और संगीतकार नदीम-श्रवण और पार्श्वगायक कुमार शानू को शोहरत की बुलंदियों पर पहुंचा दिया बल्कि उनको भी फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित कर दिया। फिल्म के सदाबहार गीत आज भी दर्शकों और श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देते हैं।

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