नयी दिल्ली , नवंबर 07 -- रिलायंस पावर लिमिटेड से जुड़ी जाली ऋण गारंटी और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के नवीनतम घटनाक्रम में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को एक और संदिग्ध अमरनाथ दत्ता को गिरफ्तार किया।
ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दत्ता को रिलायंस पावर लिमिटेड की एक सहायक कंपनी द्वारा सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसईसीआई) को 68 करोड़ रुपये से अधिक की जाली बैंक गारंटी (बीजी), फर्जी बैंक गारंटी अनुमोदन और एसएफएमएस जमा करने के मामले में गिरफ्तार किया गया है।
अधिकारी ने कहा कि आरोपी ने व्यापार के लिए वित्तीय सेवा उपलब्ध कराने के नाम पर परामर्श सेवाएं प्रदान करने का दावा किया था। दत्ता ने पहले गिरफ्तार किए गए अशोक पाल और पार्थसारथी बिस्वाल के साथ मिलकर फर्जी बैंक गारंटी प्रदान करने में सक्रिय भूमिका निभाई थी।
अमरनाथ दत्ता को नयी दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 10 नवंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया।
ईडी ने तीन एफआईआर के आधार पर पीएमएलए जांच शुरू की, जिनमें से एक सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसईसीआई) द्वारा दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में दर्ज कराई गई थी। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अधीन एक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम एसईसीआई को धोखाधड़ीपूर्ण बैंक गारंटी जमा करने के कारण 100 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
ईडी अधिकारी ने कहा, "11 अक्टूबर को रिलायंस पावर लिमिटेड के तत्कालीन मुख्य वित्तीय अधिकारी अशोक कुमार पाल को इसी मामले में धनशोधन के आरोपों में ईडी ने गिरफ्तार किया था। अशोक पाल की गिरफ्तारी उनके साथी, एक फर्जी कंपनी, बिस्वाल ट्रेडलिंक प्राइवेट लिमिटेड के एमडी पार्थसारथी बिस्वाल की गिरफ्तारी के बाद हुई है।"ईडी ने जांच के दौरान खुलासा किया कि एक नकली ईमेल डोमेन के माध्यम से भारतीय स्टेट बैंक के जाली प्रमाण तैयार किए गए थे ताकि एसईसीआई को गुमराह करके जाली बैंक गारंटी को असली मान लिया जाए। जांच में इसके अलावा वाणिज्यिक बैंकों के और भी नकली डोमेन की पहचान हुई है।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित