मुंबई , अक्टूबर 09 -- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि यूपीआई, क्यूआर और जेम जैसे लोकप्रिय डिजिटल मंचों की कहानी से ' भारत के डिजिटल स्टैक' की चर्चा पूरी दुनिया में है क्योंकि इनमें प्रौद्योगिकी को न केवल जनता की सुविधा बल्कि सामाजिक समानता का एक साधन बनाया गया है ।

उन्होंने ब्रिटेन समेत दुनिया भर के निवेशकों को भारत के फिनटेक और कृत्रिम मेधा प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि इस वर्ष के पहले छह महीनों में भारत उन तीन शीर्ष देशों में आ गया है जहां फिनटेक क्षेत्र ने सबसे अधिक निवेश आकर्षित किया है।

श्री मोदी ने मुंबई में गुरुवार को छठे ग्लोब फिनटेक फेस्ट को संबोधित करते हुए कहा कि देश में यूपीआई भुगतान प्रणाली , भारत बिल पेमेंट सिस्टम, भारत क्यूआर, डीजी लॉकर, डीजी यात्रा, गर्वमेंट ई मार्केटप्लेस ( जेम) देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन गये हैं। भारत के ये डिजिटल स्टैक लोगों की सुविधा ही नहीं बल्कि समानता का साधन बन गये हैं। इस सम्मेलन में उनके साथ भारत यात्रा पर आये ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर भी थे।

श्री मोदी ने कहा कहा कि भारत का ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल वित्तीय बाजार में नवाचार कर्ताओं और वित्तीय सेवा कंपनियों का ग्लोबल प्लेटफॉर्म बन चुका है। इस बार के फिनटेक सम्मेलन में ब्रिटेन के साझेदार देश के रूप में हिस्सा लेने का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि दुनिया के दो बड़े लोकतांत्रिक देशों के बीच यह बड़ी साझेदारी वैश्विक आर्थिक आधार को और बेहतर बनाएगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने डिजिटल टेक्नोलॉजी का लोकतांत्रिकरण कर इसे देश के हर नागरिक, हर क्षेत्र तक उनकी पहुंच योग्य बनाया है। यह भारत में सुशासन का एक मॉडल बन गया है। यह ऐसा मॉडल है, जिसमें सरकार ने जनहित में सभी के लिए सुगम डिजिटल आधारभूत ढांचे का विकास किया है। प्रधानमंत्री ने कहा, ' भारत ने यह प्रदर्शित किया है कि टेक्नोलॉजी केवल सुविधा नहीं बल्कि समानता का साधन भी बन सकती है।"उन्होंने कहा कि इसका प्रयोग हमने बैंकिंग व्यवस्था के बदलाव में भी किया। आज भारत में डिजिटल पेमेंट्स व्यवस्था का एक अंग बन चुका है। इसका श्रेय जनधन आधार और मोबाइल को जाता है। उन्होंने कहा कि हर महीने 20 अरब लेन-देन डिजिटल तरीके से हो रहे हैं, जिनका मूल्य 25 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। आज दुनिया के हर 100 डिजिटल पेमेंट में 50 अकेले भारत में होते हैं।

श्री मोदी ने कहा कि आज भारत के डिजिटल स्टैक की चर्चा पूरी दुनिया में है। उपभोक्ताओं और आपूर्तिकर्ताओं के लिए यूपीआई जैसा खुला डिजिटल बाजार मंच- ओएनडीसी (ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स) छोटे दुकानदारों और एमएसएमई के लिए वरदान बन रहा है। अब ये पूरे देश के मार्केट तक पहुँच पा रहे हैं, ओसीईएन (ओपन क्रेडिट इनेबलमेंट नेटवर्क), छोटे उद्यमियों के लिए व्यापार आसान बना रहा है। मुझे विश्वास है कि रिजर्व बैंक (आरबीआई) की प्रस्तावित डिजिटल करेंसी से भी चीज़ें बहुत बेहतर होंगी। ये सारे प्रयास, भारत के क्षमता और विकास यात्रा को मजबूत करेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हम दूसरे देशों के साथ तकनीक साझा करने के साथ उसके विकास में भी मदद कर रहे हैं। स्वदेशी और स्टार्टअप के विकास को दुनिया महसूस कर रही है। इस साल के पहले छह महीनों में ही, भारत ऐसे शीर्ष तीन देशों में शामिल हो गया जहां फिनटेक पारिस्थितिकी तंत्र में सबसे अधक निवेश हुआ है।

श्री मोदी ने कहा कि कृत्रिम बौद्धिकता (एआई) धोखाधड़ी का उसी समय पता लगाने के साथ अन्य सेवाओं को बेहतर बनाने में बड़ी भूमिका हो सकती है। इसके लिए साझा प्रयासों के साथ निवेश भी करना होगा। हमारा प्रयास है कि एआई का लाभ हर जिले, हर भाषा तक पहुंचे। उन्होंने देश के उच्च संस्थानों से इसे सुनिश्चित करने का आह्वान किया।

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