राष्ट्रीय डाक महामेलागांधीनगर, सितंबर 26 -- उत्तर गुजरात परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने यहां 'डाक व्यवसाय विकास व वित्तीय समावेशन' महामेला का शुक्रवार को शुभारंभ किया।
श्री यादव ने इस अवसर पर कहा कि भारतीय डाक विभाग की दूरदर्शिता और 'डाक सेवा जन सेवा' के अनुरूप कार्यशैली ने ग्रामीण व सुदूर क्षेत्रों तक इसकी विश्वसनीय सेवाओं की पहुंच को सुनिश्चित कर इसे जनता के बीच एक प्रमुख और प्रभावशाली संस्था के रूप में स्थापित किया है। डाक विभाग ने भारत सरकार की तमाम अग्रणी योजनाओं को डाकघरों के माध्यम से प्रमुखता से लागू किया गया है। इसके साथ ही, डाक विभाग 'डिजिटल इंडिया' और 'वित्तीय समावेशन' की संकल्पनाओं को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि प्रत्येक नागरिक को सुगम, सुरक्षित और भरोसेमंद सेवाएँ उपलब्ध हो सकें। सुरक्षित निवेश एवं लाभकारी ब्याज दरों के चलते डाकघर की बचत योजनाएँ आज भी बेहद लोकप्रिय हैं।
गुजरात की राजधानी गांधीनगर स्थित डॉ. अंबेडकर भवन सभाकक्ष में आज आयोजित "डाक व्यवसाय विकास एवं वित्तीय समावेशन" महामेला के शुभारंभ अवसर पर महामेले के माध्यम से जहाँ डाक सेवाओं के बारे में जानकारी दी गई, वहीं पोस्टमास्टर जनरल श्री यादव ने विभिन्न बचत योजनाओं, सुकन्या समृद्धि योजना, डाक जीवन बीमा, इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के लाभार्थियों को पासबुक व पॉलिसी बॉन्ड प्रदान किए। इसके साथ ही उन्होंने उत्कृष्ट कार्य करने वाले डाककर्मियों को सम्मानित कर उनका उत्साहवर्धन भी किया। इस अवसर पर गांधीनगर डाक मंडल के प्रवर डाक अधीक्षक श्री पियूष राजक, आइपीपीबी चीफ मैनेजर अभिजीत जिभकाटे भी उपस्थित रहे।
श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि 'डाकिया डाक लाया' से 'डाकिया बैंक लाया' तक के 'अहर्निशं सेवामहे' सफर में डाक कर्मयोगियों की भूमिका में नित्य अहम परिवर्तन हो रहे हैं। डाकघर निर्यात केंद्रों के माध्यम से ओडीओपी, जीआई और एमएसएमई उत्पादों को विदेशों में पहुँचाकर 'वोकल फॉर लोकल' और 'आत्मनिर्भर भारत' की संकल्पना को मजबूती दी जा रही है। उन्होंने कहा कि डाकघरों में एडवांस्ड पोस्टल टेक्नोलॉजी आरम्भ होने के बाद डिजिटल भुगतान में बढ़ोत्तरी हुई है, जो 'डिजिटल इंडिया' और 'कैशलेस इकोनॉमी' की सोच को आगे बढ़ाती है।
उन्होंने बालिकाओं को सुकन्या समृद्धि योजना की पासबुक और उपहार देते हुए कहा कि बेटियों को 'सुकन्या समृद्धि योजना' के माध्यम से सुरक्षित भविष्य देना हर परिवार का संकल्प होना चाहिए। यह योजना केवल बचत का माध्यम नहीं, बल्कि बेटियों के सपनों को पंख देने वाली योजना है। श्री यादव ने उपस्थित सभी लोगों से अपील की कि वे नवरात्रि जैसे पावन पर्वों पर बेटियों के सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत खाते खुलवाकर उन्हें वित्तीय उपहार अवश्य प्रदान करें । इस अभिनव प्रयास के अंतर्गत पूरे उत्तर गुजरात में 4.77 लाख सुकन्या समृद्धि खाते संचालित हैं, वहीं 850 गाँवों को 'सम्पूर्ण सुकन्या समृद्धि ग्राम' बनाया जा चुका है। गांधीनगर डाक मंडल में अब तक 89 हजार से अधिक सुकन्या समृद्धि खाते खोले जा चुके हैं। साथ ही, 286 गाँवों को 'सम्पूर्ण सुकन्या समृद्धि ग्राम' घोषित किया गया है।
इस महा मेले में 'सरकारी सेवाएँ आपके द्वार' के तहत डाक चौपाल का भी आयोजन किया गया, जिसमें आधार नामांकन, पासपोर्ट सेवाओं जैसे सरकारी कल्याण योजनाओं के साथ आईपीपीबी के माध्यम से डिजिटल बैंकिंग, डीबीटी, जनरल इंश्योरेंस, डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट के बारे में जागरूकता बढ़ाई गई। विशेष रूप से दूरदराज और गैर-बैंकिंग क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया। स्थानीय कारीगरों और एमएसएमई हेतु ई-कॉमर्स और अंतरराष्ट्रीय निर्यात के लिए डाकघर निर्यात केंद्र के बारे में जानकारी दी गई। युवाओं को फ़िलेटली के प्रति प्रोत्साहित करते हुए फ़िलेटलिक डिपाजिट खाता और माई स्टैंप से जोड़ा गया।
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