हैदराबाद, सितंबर 29 -- तेलंगाना के हैदराबाद साइबर अपराध पुलिस ने एक बड़े फिल्म पायरेसी नेटवर्क का भंडाफोड़ कर कॉपीराइट वाली फिल्मों के अवैध वितरण में शामिल पाँच प्रमुख आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस द्वारा सोमवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि यह रैकेट तमिल ब्लास्टर , 5मूवीरूल्स और 1तमिलएमवी जैसी लोकप्रिय पायरेसी वेबसाइटों से जुड़ा था, जिन्होंने कई तेलुगु फिल्मों के पायरेटेड संस्करण अपलोड किए थे।
बयान में कहा गया है कि आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार और गोवा के रहने वाले आरोपी डिजिटल मीडिया सर्वर हैक करने और सिनेमाघरों में फिल्मों की कैम-कॉर्डिंग करके हाई-डेफिनिशन संस्करण ऑनलाइन अपलोड करने में जुटे थे। जाँच से पता चला कि यह नेटवर्क टेलीग्राम चैनलों, क्रिप्टो वॉलेट और वर्चुअल मशीनों के माध्यम से संचालित होता था, जिनके लिंक ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी वेबसाइटों से जुड़े थे।
बयान में कहा गया है कि मुख्य आरोपी बिहार निवासी अश्विनी कुमार ने डिजिटल मीडिया कंपनियों के सर्वर हैक किए और अन्य ऑपरेटरों के साथ एचडी सामग्री साझा की, जबकि एक अन्य आरोपी तमिलनाडु निवासी सिरिल इन्फैंट राज ने पायरेसी वेबसाइटों का प्रबंधन किया और 2020 से लगभग 500 फिल्मों का वितरण करके क्रिप्टोकरेंसी में दो करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की। अन्य आरोपियों ने कैमकॉर्डर के रूप में काम किया, थिएटर रिकॉर्डिंग अपलोड की और क्रिप्टो में भुगतान प्राप्त किए।
पुलिस ने कार्रवाई के दौरान इस्तेमाल किए गए लैपटॉप, हार्ड डिस्क, मोबाइल, टैबलेट, पेन ड्राइव और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए। भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) ने क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट के माध्यम से धन के लेन-देन का पता लगाने में सहायता की।
पुलिस ने चेतावनी दी कि पायरेसी से 2023 में भारतीय फिल्म उद्योग को 22,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है, साथ ही पायरेटेड सामग्री तक पहुँचने वाले दर्शकों के लिए ऑनलाइन धोखाधड़ी और डेटा चोरी का खतरा भी पैदा हुआ है। उन्होंने जनता से पायरेसी से दूर रहने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह कॉपीराइट अधिनियम और सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) अधिनियम के तहत एक दंडनीय अपराध है।
बयान में हैदराबाद साइबर अपराध पुलिस ने ज़ोर देकर कहा कि इस सफलता ने न केवल तेलुगु पायरेसी नेटवर्क का पर्दाफ़ाश किया है, बल्कि तमिल, कन्नड़, मलयालम, बॉलीवुड और हॉलीवुड फिल्मों को प्रभावित करने वाले नेटवर्क का भी पर्दाफ़ाश किया है। उन्होंने प्रोडक्शन हाउस, थिएटर, बिचौलियों और डिजिटल मीडिया कंपनियों से पायरेसी विरोधी उपायों को मज़बूत करने का आह्वान किया है।
बयान में नागरिकों को किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना साइबर अपराध हेल्पलाइन 1930 पर देने को कहा गया है।
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