भोपाल , नवंबर 22 -- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की अपार संभावनाएँ हैं और राज्य सरकार निवेशकों का स्वागत पलक-पांवड़े बिछाकर कर रही है। उन्होंने बताया कि हैदराबाद में आयोजित 'इन्वेस्टमेंट अपॉर्चुनिटीज इन मध्यप्रदेश' सत्र में 10 कंपनियों से 36 हजार 600 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनसे लगभग 27 हजार 800 रोजगार सृजित होंगे। मुख्यमंत्री शनिवार को हैदराबाद में उद्योगपतियों को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश की 18 प्रोत्साहनकारी निवेश नीतियाँ निवेशकों को आकर्षित कर रही हैं। आवश्यक होने पर इन नीतियों के बाहर जाकर भी निवेशकों को सहयोग दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हैदराबाद के उद्योगपति मध्यप्रदेश में निवेश करने को इच्छुक हैं और उनसे जुड़ने के लिए सरकार नई डोर बुन रही है। तेलंगाना और मध्यप्रदेश को उन्होंने 'हीरा-मोती की जोड़ी' बताते हुए कहा कि दोनों राज्यों का सहयोग विकास की नई संभावनाएँ खोलेगा।

उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में बीईएमएल की 18 हजार करोड़ रुपये लागत वाली रेल कोच निर्माण इकाई स्थापित की जा रही है। डिफेंस टेक्नोलॉजी सहित कई क्षेत्रों में बड़े निवेश हो रहे हैं। नीमच में देश का सबसे बड़ा हाइड्रो पावर पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट बन रहा है, जो अगले दो वर्षों में पूरा होगा। राज्य सरकार निवेशकों से किए हर संकल्प का पालन कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राज्यों के बीच साहचर्य की भावना बढ़ी है। मध्यप्रदेश ने राजस्थान के साथ पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना से जुड़े पुराने जल विवाद को समाप्त कर परियोजना को आगे बढ़ाया है, जिसके क्रियान्वयन में 90 प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार दे रही है।

हैदराबाद में 'वन-टू-वन' चर्चा के दौरान उद्योगपतियों ने 36 हजार 600 करोड़ के प्रस्ताव दिए। इसमें नवीकरणीय ऊर्जा, पैकेजिंग इंजीनियरिंग, एयरोस्पेस, आईटी, फूड प्रोसेसिंग, फार्मा, एग्रीकल्चर और इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्रों में निवेश प्रस्ताव शामिल हैं।

ग्रीनको ग्रुप के ग्रुप प्रेसिडेंट महेश कोली ने कहा कि मध्यप्रदेश में नीति स्पष्टता और प्रशासनिक सहयोग के कारण प्रोजेक्ट तेज गति से पूरे होते हैं। अनंत टेक्नोलॉजीज के एमडी डॉ. सुब्बाराव पवुलुरी ने 'ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस' अनुभव को बेहतरीन बताया। सुधाकर पाइप्स के अध्यक्ष जयदेव मीला ने मध्यप्रदेश में निवेश प्रक्रिया को सहज और तेज बताया।

अपर मुख्य सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संजय दुबे ने कहा कि मध्यप्रदेश तेजी से भारत का प्रमुख टियर-2 टेक हब बन रहा है। प्रमुख सचिव राघवेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि राज्य सरकार पूंजीगत सहायता, कैपिटल सब्सिडी, स्टाम्प ड्यूटी छूट और सिंगल विंडो सिस्टम जैसी सुविधाएँ निवेशकों को दे रही है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राउंडटेबल बैठक में फार्मा और बायोटेक क्षेत्र के प्रतिनिधियों से भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि उज्जैन का मेडिकल डिवाइस पार्क और नीमच का प्रस्तावित बायोटेक पार्क राज्य को नई दिशा देंगे। भूमि आवंटन से लेकर अनुमतियाँ अब 'इन्वेस्ट एमपी' पोर्टल पर पारदर्शी और समयबद्ध रूप से उपलब्ध हैं। उन्होंने समस्त उद्योगपतियों और स्टार्टअप्स को मध्यप्रदेश की विकास यात्रा का सहभागी बनने का आमंत्रण दिया।

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