शिमला , नवंबर 05 -- हिमाचल प्रदेश सरकार के आपदा प्रबंधन के आधार पर ग्राम पंचायत चुनाव स्थगित करने के फैसला के खिलाफ उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गयी है।
अधिवक्ता दिक्कन कुमार ठाकुर और हैप्पी ठाकुर ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत चुनाव अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने की सरकार की मंशा पर सवाल उठाया। याचिका में अदालत से प्रदेश चुनाव आयोग को संवैधानिक समय सीमा के भीतर चुनाव कराने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है।
याचिका में इस बात का उल्लेख किया गया है कि मुख्य सचिव ने आठ अक्टूबर को घोषणा की थी कि राज्य में आपदा की स्थिति सामान्य होने के बाद ही पंचायत चुनाव कराए जाएंगे। इसके बाद मंत्रिमंडल ने पंचायतों के पुनर्गठन का फैसला किया, इस प्रक्रिया में दो महीने से अधिक समय लगने की संभावना है, जिससे चुनाव कार्यक्रम पीछे खिसक गया।
न्यायालय में सुनवाई के दौरान अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि यह कदम संविधान के अनुच्छेद 243-ई का उल्लंघन करता है, जो यह अनिवार्य करता है कि प्रत्येक पंचायत का कार्यकाल पांच वर्ष से अधिक नहीं होगा, और कार्यकाल समाप्त होने से पहले चुनाव होने चाहिए। याचिका में अनुच्छेद 243-के और हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा 120 और 160 का भी हवाला दिया गया है, जिसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि प्राकृतिक आपदा या गंभीर कानून व्यवस्था संकट जैसी असाधारण परिस्थितियों को छोड़कर चुनाव स्थगित नहीं किए जा सकते।
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