चंडीगढ़ , नवंबर 18 -- दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर हरियाणा सरकार ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा आयोजित वर्चुअल समीक्षा बैठक में अपनी प्रदर्शन रिपोर्ट और नई पहलें प्रस्तुत कीं। बैठक की अध्यक्षता मंत्रालय के सचिव तन्मय कुमार ने की।

हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव (पर्यावरण) सुधीर राजपाल ने मंगलवार को बताया कि सरकार ने एनसीआर से जुड़े जिलों में परिवहन, कृषि, शहरी प्रबंधन और बिजली उत्पादन क्षेत्रों में अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक कदम तेज किए हैं। लगातार निगरानी और अभियान के कारण इस वर्ष पराली जलाने की घटनाओं में लगभग 50 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।

वाहन प्रदूषण नियंत्रण के तहत डीजल ऑटो हटाए गए हैं, गुरुग्राम और फरीदाबाद में मैकेनिकल रोड स्वीपर्स लगाए गए हैं तथा सड़क धूल कम करने के लिए नियमित छिड़काव किया जा रहा है। अन्य जिलों में ईंट भट्टों द्वारा पराली आधारित पेलेट और ब्रिकेट का उपयोग शुरू किया गया है।

उन्होंने बताया कि जीएमडीए और एफएमडीए ने खेतों में आग लगने की घटनाओं की आईटी आधारित रियल-टाइम मॉनिटरिंग व्यवस्था लागू की है, जबकि शहरी क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है।

बैठक में बताया गया कि हरियाणा में विश्व बैंक समर्थित स्वच्छ वायु कार्यक्रम लागू हो चुका है, जिसका उद्देश्य वायु गुणवत्ता प्रबंधन क्षमता बढ़ाना और आईजीपी राज्यों के बीच सीमा-पार प्रदूषण नियंत्रण को मजबूत बनाना है।

हरियाणा ने अंतर-विभागीय समन्वय और सभी निर्देशों के सख्त पालन की प्रतिबद्धता दोहराई। बैठक में परिवहन, कृषि, शहरी निकाय और ऊर्जा विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित