गांधीनगर, सितंबर 27 -- केंद्रीय श्रम, रोजगार, युवा मामले और खेल मंत्री मनसुखभाई मांडविया ने शनिवार को गुजरात के गांधीनगर में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करकमलों से स्वदेशी 4जी नेटवर्क की लॉन्चिंग का कार्यक्रम देश के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण अवसर है।

श्री मांडविया ने कहा कि इसके अलावा, आज बीएसएनएल की 25वीं वर्षगांठ का उत्सव भी मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के स्वप्न को साकार करने वाला यह कार्यक्रम स्वदेशी विचार और राष्ट्रीय गौरव का विषय है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश बदल रहा है, लगातार आगे बढ़ रहा है और एक नए भारत का निर्माण हो रहा है। उन्होंने कहा कि जब हम विकसित भारत के मार्ग पर आगे बढ़ते हैं, तब हम केवल एक क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि अनेक क्षेत्रों में हमारी आत्मनिर्भरता के भागीदार बनते हैं। एक समय ऐसा भी था जब भारत रक्षा के लिए दुनिया से बंदूक की गोलियों का भी आयात करता था जबकि आज देश के रक्षा उपकरण दुनिया को निर्यात किए जा रहे हैं।

इसके अलावा, जब देश में टीके की आवश्यकता थी और टीके का अनुसंधान वैश्विक स्तर पर किया जाता था और अनुसंधान के बाद वे टीके कम से कम पांच से दस वर्ष के बाद देश में आते थे। लेकिन कोविड काल के दौरान 16 जनवरी, 2021 को दुनिया में टीके की पहली खुराक देने के एक महीने के भीतर ही भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा अनुसंधान कर लिया गया था। भारतीय कंपनियों द्वारा उत्पादित एक नहीं बल्कि दो टीके देश में लगाए जा रहे थे, जिसने दुनिया को बहुत बड़ा संदेश दिया था।

केंद्रीय मंत्री ने टेक्नोलॉजी के विषय में कहा कि देश को आगे बढ़ाने में डिजिटल टेक्नोलॉजी का योगदान काफी महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया विजन के अंतर्गत देश भर में अनेक 4जी टावर लगाए गए हैं। भारत की भौगोलिक परिस्थिति के बारे में उन्होंने कहा कि देश में तीन हजार किलोमीटर लंबी हिमालय की पर्वतमाला है, सात हजार किलोमीटर से अधिक समुद्री तट और कच्छ एवं राजस्थान में विशाल रेगिस्तान भी है। देश में एक ही समय के दौरान एक स्थान पर बर्फ गिरती है, तो उसी समय दूसरे स्थान पर तापमान 50 डिग्री होता है तथा दूसरे स्थानों पर बारिश भी होती है। इस प्रकार, देश में ऐसे विविधतायुक्त वातावरण में भी हमारी स्वदेशी टेक्नोलॉजी बहुत उपयोगी हो सकती है।

श्री मांडविया ने कहा कि डिजिटल इंडिया का अर्थ यह है कि देश के किसान अपने खेतों में खड़े होकर अपने मोबाइल फोन पर मौसम का नक्शा देख सकते हैं और यह भी जान सकते हैं कि देश के किस बाजार में उनकी फसल की मौजूदा कीमत क्या है। इसके अलावा, हमारे लाखों मछुआरे समुद्र में जाते हैं, तब मौसम की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। डिजिटल टेक्नोलॉजी की मदद से समुद्र में मौसम की जानकारी तथा मछली पकड़ने की क्षमता जैसे विषयों पर मार्गदर्शन मिल सकता है।

इसके अतिरिक्त, देश में अनेक वन क्षेत्र और आदिवासी क्षेत्र भी हैं। गुजरात के डांग जैसे दूरस्थ जिलों में भी बच्चे डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग करके प्राथमिक या माध्यमिक स्कूलों में पढ़ाई कर सकेंगे। इस प्रकार, डिजिटल टेक्नोलॉजी जीवन में बदलाव लाने में मदद कर सकती है।

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