नयी दिल्ली , अक्टूबर 06 -- ऑपरेशन सिंदूर में स्वदेशी हथियारों के साथ-साथ स्वदेशी ऐप ने भी अपना पूरा दम-खम दिखाया और पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों के ठिकानों को ध्वस्त करने तथा पाकिस्तानी सेना को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।

शीर्ष सैन्य नेतृत्व और सरकार की ओर से बार-बार इस बात का उल्लेख किया गया है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान स्वदेशी हथियारों की बदौलत सेनाओं ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में छिपे बैठे आतंकवादियों और उनके ठिकानों को ध्वस्त करने के साथ साथ पाकिस्तानी सेना को भी उसके दुस्साहस का करारा जवाब दिया। लेकिन न तो सेना और न ही सरकार की ओर से अब तक यह नहीं बताया गया कि इस अभियान में सेनाओं के पास एक और स्वदेशी ताकत थी और यह ताकत देश में ही बनी 20 से भी अधिक स्वदेशी ऐप की थी जिनके बल पर सेनाएं रणक्षेत्र की पल-पल की जानकारी हासिल कर अपनी रणनीति बनाने के साथ साथ दुश्मन के हर हमले को नाकाम कर रही थी।

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना में डायरेक्टर जनरल इनफॉरमेशन सिस्टम की जिम्मेदारी संभालने वाले और अब सेना की इलेक्ट्रॉनिक्स एवं मैकेनिकल इंजीनियर्स (ईएमई) कोर के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव कुमार साहनी ने सोमवार को बताया कि देश में ही विकसित की गयी 23 ऐप ने भी ऑपरेशन सिंदूर में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। इन ऐप को ऑपरेशन सिंदूर की रीढ करार देते हुए उन्होंने कहा कि ऐप ने बिना समय गंवाए वास्तविक समय का डेटा उपलब्ध कराकर दुश्मन के ठिकानों पर सटीक निशाना लगाने में मदद से लेकर खतरों का पता लगाने और रणनीति बनाने तक में सेनाओं को मजबूती प्रदान की।

लेफ्टिनेंट जनरल ने बताया कि इन ऐप के इस्तेमाल में भी तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल देखने को मिला और उन्हें एक ही स्क्रीन पर ऑपरेशन से जुड़ी तमाम जानकारी मिल रही थी । इन जानकारियों को तीनों सेनाएं बिना समय गंवाएं एक दूसरे के साथ साझा भी कर रही थी। उन्होंने कहा कि ऐप की मदद से अगले 72 घंटे के मौसम के पूर्वानुमान के आधार पर सेनाएं अपनी रणनीतियों को अंजाम दे रही थी। उन्होंने कहा कि इन ऐप से मिली जानकारी 94 प्रतिशत से भी ज्यादा सटीक थी।

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन द्वारा पाकिस्तान के साथ भारतीय सेनाओं से जुड़ी जानकारी साझा करने से संबंधित सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सेना हर स्थिति से निपटने के लिए आकस्मिक योजना के साथ काम करते हुए हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार थी।

उन्होंने कहा कि सभी खुफिया एजेंसियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले स्वदेशी रूप से विकसित ऐप में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान रिकॉर्ड समय में बदलाव किये गये थे ताकि सेनाओ की जरूरतों को पूरा किया जा सके और दुश्मन के सेंसरों का पता लगाया जा सके।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित