जयपुर , अक्टूबर 02 -- राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागडे ने स्वच्छता अभियान के तहत खुले में शौच से मुक्ति को बहुत बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा है कि यह जानकर बहुत सुखद लगा कि गांव गांव, ढाणी ढाणी में शौचालय बने हैं। श्री बागडे गुरुवार को स्वच्छ भारत दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय "स्वच्छोत्सव" समारोह में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वह राज्य के सभी जिलों में गए हैं और यह जानकर बहुत सुखद लगा कि गांव गांव, ढाणी ढाणी में शौचालय बने हैं। उन्होंने शहर और गांव में कचरा निस्तारण के लिए भी सभी को मिलकर प्रभावी व्यवस्था किए जाने का आह्वान किया।
उन्होंने इस दौरान स्वच्छ भारत अभियान के तहत सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाले जिले के अधिकारी, कर्मचारियों को सम्मानित भी किया। उन्होंने स्वायत्त शासन की दो पुस्तकों का लोकार्पण किया और सभी को स्वच्छता की शपथ भी दिलाई।
उन्होंने कहा कि शुद्ध हवा रखना हम सबकी ज़िम्मेदारी है। उन्होंने सभी को स्वच्छता के लिए कार्य करने पर जोर देते हुए सार्वजनिक स्थानों पर थूकने, कार्यालयों की सीढ़ियों की दीवारों पर पीक छोड़ने, केला खाकर छिलके सड़क पर फेंकने आदि की बुरी आदतों को छोड़ने और छुड़वाने के संस्कार विकसित किए जाने का आह्वान किया। उन्होंने स्वच्छता के लिए अच्छी आदतों को अपनाने पर जोर दिया। गंदगी दूर करने के लिए मिलकर कार्य की आवश्यकता जताई।
श्री बागडे ने बप्पा रावल को स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने अरबों को भारत से खदेड़ा ही नहीं ऐसा सबक सिखाया कि बाद में डेढ़ सौ वर्षों तक देश में उनके आने की हिम्मत नहीं पड़ी। उन्होंने विकसित भारत लिए कार्य करने, प्राचीन ज्ञान परम्परा से सीख लेने और फिर से देश को विश्वगुरु बनाने पर जोर दिया। उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री और गांधी जी के जीवन से जुड़े प्रसंग सुनाते हुए सभी को नैतिकता और ईमानदारी की सोच अपनाने का आह्वान किया।
इस अवसर पर नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि सेवा कर्तव्य है और उत्सव एक भावना है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता की भावना हमारे यहां उत्सव के रूप में जागृत हो चुकी है। उन्होंने पर्दे के पीछे रहकर कार्य करने वाले सफाई मित्रों की सराहना करते हुए कहा कि यह हमारा नैतिक दायित्व है कि हम उन्हें सम्मान, सुविधा और संबल दें। उन्होंने स्वच्छता के लिए मिलकर कार्य करने का आह्वान किया।
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