एकता नगर , नवंबर 12 -- गुजरात के स्टेच्यू ऑफ यूनिटी केवड़िया में मध्य प्रदेश दिवस का भव्य आयोजन किया गया।
सूत्रों ने बुधवार को यहां बताया कि लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर गुजरात के केवड़िया स्थित स्टेच्यू ऑफ यूनिटी पर एक से 15 नवंबर तक बड़े उत्साह के साथ 'भारत पर्व' का आयोजन किया जा रहा है। एकता नगर गुजरात में आयोजित भारत पर्व के 11वें दिन 11 नवंबरको मध्य प्रदेश दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने किया।
मध्य प्रदेश के संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने इस अवसर पर कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की भावना के तहत देश की विविधता में एकता को प्रदर्शित करना है। भारत पर्व के अंतर्गत मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा लगभग 25 वर्गमीटर क्षेत्रफल में एक आकर्षक थीम पवेलियन तैयार किया गया है, जिसमें राज्य की पर्यटन, संस्कृति और हस्तशिल्प विरासत को प्रभावशाली ढंग से प्रदर्शित किया जा रहा है। पवेलियन में सांची, खजुराहो, भीमबेटका, मांडू, ओरछा, उज्जैन और ओंकारेश्वर जैसे ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थलों के साथ-साथ बांधवगढ़, कान्हा और पेंच जैसे प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यानों की झलक प्रस्तुत की जा रही है। साथ ही, राज्य के स्थानीय हस्तशिल्प और हस्तकला जैसे चंदेरी और महेश्वरी वस्त्र, बाघ प्रिंट, डोकरा कला, मिट्टी के बर्तन और गोंड पेंटिंग को भी प्रदर्शित किया जा रहा है।
मध्य प्रदेश के अपर मुख्य सचिव पर्यटन, संस्कृति गृह और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि भारत पर्व हमारे देश की सांस्कृतिक एकता और विविधता का सुंदर उत्सव है। मध्य प्रदेश 'भारत का हृदय' है, और यहां की हर परंपरा, हर स्वाद, हर कला रूप हमारे देश की आत्मा को दर्शाता है। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के पर्यटन, हस्तशिल्प, व्यंजनों और संस्कृति की प्रस्तुति के माध्यम से हम देशभर के आगंतुकों को अतुलनीय मध्य प्रदेश की आत्मा से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। हमारी कोशिश है कि आगंतुक न केवल मध्य प्रदेश के स्वाद और संगीत का आनंद लें, बल्कि उसकी आत्मिक ऊर्जा और जीवंतता का भी अनुभव करें।
मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एमपीएसटीडीसी) ने 11 नवंबर को एक विशेष स्टूडियो किचन प्रस्तुति की, जहां राज्य के पारंपरिक और क्षेत्रीय व्यंजन तैयार किये गये और उन्हें परोसा गया। यह प्रस्तुति 'भारत के हृदय के स्वाद' विषय पर आधारित थी। आगंतुकों को बुंदेलखंड क्षेत्र का तीखा छाछ-आधारित पेय सन्नाटा, डिंडोरी क्षेत्र का पारंपरिक सूप कंगनी दाल शोरबा, चंबल क्षेत्र का बेसन से बना स्वादिष्ट व्यंजन थोपा भुट्टे की किस, सिद्धि क्षेत्र का पारंपरिक नाश्ता बेड़ई धुमना आलू, बघेलखंड क्षेत्र का लोकप्रिय मटर निमोना और सादी पूरी, और शहडोल क्षेत्र की प्रसिद्ध मिठाई कुटकी खीर जैसे व्यंजनों का आनंद मिला। इन व्यंजनों ने राज्य के विविध भौगोलिक और सांस्कृतिक स्वादों को प्रदर्शित किया। आगंतुकों ने इन व्यंजनों का भरपूर आनंद लिया।
संस्कृति विभाग की ओर से प्रख्यात नृत्य समन्वयक मैत्रीय पहाड़ी और उनके समूह ने "अमृतस्य मध्य प्रदेश" शीर्षक से भव्य नृत्य प्रस्तुति दी। इस प्रस्तुति ने दर्शकों को मध्य प्रदेश की प्राचीन सभ्यता, उसकी भक्ति, प्रेम और प्रकृति की लय से जोड़ा। भीमबेटका की गुफाओं से शुरू हुई नृत्य गाथा, मानव सभ्यता की पहली झलक तक पहुँची। खजुराहो के मंदिरों की शिल्पकला, साँची के स्तूपों की शांति और चित्रकूट की पावन धरा के भावपूर्ण दृश्यों को नृत्य के माध्यम से और भी भव्य और भावपूर्ण रूप में प्रस्तुत किया गया।
उज्जैन और ओंकारेश्वर के ज्योतिर्लिंगों की दिव्यता, ग्वालियर किले का इतिहास, माण्डू की प्रेमकथा और ओरछा के मंदिरों की भव्यता मंच पर जीवंत हो उठी। बांधवगढ़, कान्हा और पेंच के जंगलों और जबलपुर की संगमरमर की चट्टानों के दृश्यों के माध्यम से प्रकृति के साथ मनुष्य के संबंधों को चित्रित किया गया। पारंपरिक माहेश्वरी, चंदेरी और बाघ प्रिंट परिधानों में सजे कलाकारों ने राज्य की शिल्प विरासत को गौरवान्वित किया। अंततः नर्मदा आरती के दर्शन के साथ यात्रा अपने आध्यात्मिक चरम पर पहुँची। दर्शक इस भव्य प्रस्तूति को देखकर अभिभूत हो गये।
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