सूरत, सितंबर 27 -- गुजरात का सूरत बुलेट ट्रेन स्टेशन यात्री सुविधा व कनेक्टिविटी को नया आयाम देगा।

नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) की ओर से शनिवार को यहां जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार निर्माणाधीन बुलेट ट्रेन स्टेशन के साथ सूरत शहर विकास और कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय वृद्धि का अनुभव करने के लिए तैयार है। इस स्टेशन को यात्रियों की सुविधा और आराम को ध्यान में रखते हुए सोच-समझकर डिज़ाइन किया गया है। आरामदायक आंतरिक सज्जा, रोशनदानों से आती प्राकृतिक रोशनी और हवादार प्लेटफार्म एक शांत और आनंददायक यात्रा का अनुभव प्रदान करेंगे।

स्टेशन आधुनिक यात्री सुविधाओं जैसे प्रतीक्षालय, नर्सरी, शौचालय, खुदरा दुकानें आदि से सुसज्जित है। विभिन्न स्तरों पर आवागमन को सभी के लिए सुगम और सुलभ बनाने के लिए, कई लिफ्ट और एस्केलेटर लगाए जा रहे हैं। बुजुर्गों, दिव्यांगों और बच्चों वाले परिवारों की ज़रूरतों का विशेष ध्यान रखा गया है। यात्रियों की सुविधा के लिए स्पष्ट संकेतक लगाए जा रहे हैं, ताकि वे आसानी से कॉनकोर्स, प्लेटफ़ॉर्म और निकास क्षेत्रों तक पहुँच सकें। इसके साथ ही सूचना कियोस्क और सार्वजनिक घोषणा प्रणाली भी स्थापित की जा रही है।

यात्री-केंद्रित सुविधाओं के अलावा, यह स्टेशन परिवहन के अन्य साधनों के साथ भी सहज एकीकरण प्रदान करेगा। मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना (स्मार्ट) के साथ स्टेशन क्षेत्र विकास परियोजना के अंतर्गत सूरत नगर निगम (एसएमसी) और सूरत शहरी विकास प्राधिकरण (एसयूडीए) के सहयोग से एक मल्टी -मॉडल एकीकरण योजना तैयार की गई है। इससे यात्रियों को मेट्रो ट्रेनों, बसों, टैक्सियों, ऑटो और अन्य स्थानीय परिवहन के बीच आसानी से स्विच करने की सुविधा मिलेगी, जिससे स्टेशन के आसपास यातायात का सुचारू प्रवाह सुनिश्चित होगा। इस कनेक्टिविटी से ट्रांज़िशन टाइम में काफ़ी कमी आएगी, जिससे यात्रा तेज़, सुरक्षित और सभी के लिए ज़्यादा सुविधाजनक हो जाएगी।

सूरत-बारडोली रोड के पास अंतरोली गांव में स्थित यह स्टेशन कई परिवहन साधनों से जुड़ा हुआ है, जैसे बीआरटीएस बस स्टॉप: 330 मीटर, प्रस्तावित मेट्रो स्टेशन: 280 मीटर, सूरत रेलवे स्टेशन 11 कि.मी., सूरत सिटी बस स्टैंड 10 कि.मी., चलथान रेलवे स्टेशन पांच कि.मी., एनएच-48 पांच कि.मी. है।

स्टेशन में आराम और स्थायित्व का समन्वय किया गया है, जहाँ भारतीय ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी) की विशेषताएँ जैसे वर्षा जल संचयन, कम जल खपत वाले सैनिटरी फिटिंग, पर्यावरण अनुकूल पेंट आदि शामिल किए गए हैं। चौड़े खुले स्थान और स्काईलाइट्स प्लेटफ़ॉर्म और कंकौर्स में प्राकृतिक रोशनी और वेंटिलेशन प्रदान करते हैं, जिससे दिन के समय कृत्रिम रोशनी पर निर्भरता कम हो जाती है। पौधों से की गई लैंडस्केपिंग एक हरा-भरा और ताज़गीभरा वातावरण तैयार करेगी। चूँकि यह शहर अपने हीरा उद्योग के लिए प्रसिद्ध है, इसलिए स्टेशन के अग्रभाग और आंतरिक भाग के डिज़ाइन की अवधारणा हीरे का प्रतिनिधित्व करती है। बिल्डिंग का स्ट्रक्चरल कार्य पहले ही पूरा हो चुका है और वर्तमान में आंतरिक सज्जा, छत का काम तथा स्टेशन से जुड़ी सुविधाओं जैसे फिनिशिंग कार्य प्रगति पर हैं। स्टेशन पर आरसी ट्रैक बेड का निर्माण और अस्थायी ट्रैक लगाने जैसे ट्रैक कार्य पूरे हो चुके हैं।

स्टेशन की मुख्य विशेषताएं स्टेशन की कुल ऊंचाई 26.3 मीटर, कुल निर्मित क्षेत्रफल 58,352 वर्ग मीटर, स्टेशन बिल्डिंग के तीन स्तर है, भूतल: पार्किंग सुविधा, पिक एंड ड्रॉप बे (कार, बस, ऑटो), सुरक्षा जांच, लिफ्ट, एस्केलेटर आदि, कॉन्कोर्स स्तर: प्रतीक्षा लाउंज, शौचालय, कियोस्क, टिकट काउंटर आदि, प्लेटफ़ॉर्म स्तर परियोजना प्रगति (25 सितंबर 2025 तक) शामिल हैं।

भारत का पहला 508 किलोमीटर लंबा बुलेट ट्रेन कॉरिडोर मुंबई और अहमदाबाद के बीच बनाया जा रहा है। जिसमें 508 कि.मी. में से 323 कि.मी. वायाडक्ट और 399 कि.मी. पियर का काम पूरा हो चुका है, 17 नदी पुल, पांच पीएससी (प्री स्ट्रेस्ड कंक्रीट) और नौ स्टील ब्रिज पूरे हो चुके हैं, 210 किलोमीटर लंबे मार्ग पर 4 लाख से अधिक नॉइज़ बैरियर लगाए जा चुके हैं, 210 ट्रैक किलोमीटर में ट्रैक बेड का निर्माण पूरा किया जा चुका है, 2100 से अधिक ओएचई मास्ट स्थापित किए गए है, जो लगभग 52 कि.मी. मुख्य लाइन वायाडक्ट को कवर करते हैं, पालघर जिले में सात पर्वतीय सुरंगों पर खुदाई का कार्य प्रगति पर है, बीकेसी और शिलफाटा (महाराष्ट्र में) के बीच 21 कि.मी. सुरंग में से पांच कि.मी. एनएटीएम सुरंग की खुदाई की गई है, सूरत और अहमदाबाद में रोलिंग स्टॉक डिपो का निर्माण कार्य प्रगति पर है और गुजरात के सभी स्टेशनों पर अधिसंरचना का कार्य उन्नत चरण में है। महाराष्ट्र के तीनों एलिवेटेड स्टेशनों पर काम शुरू हो चुका है और मुंबई भूमिगत स्टेशन पर बेस स्लैब कास्टिंग का काम प्रगति पर है।

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