नयी दिल्ली , नवंबर 10 -- उच्चतम न्यायालय ने राजस्थान और तेलंगाना में घटित सड़क दुर्घटनाओं के परिप्रेक्ष्य में राजमार्गों और वहां संचालित ढाबों की स्थिति पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) तथा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के सोमवार को निर्देश दिए।
न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी और विजय बिश्नोई की पीठ ने दो सप्ताह के भीतर एक सर्वेक्षण किए जाने के निर्देश दिए जिससे राष्ट्रीय राजमार्गों पर ऐसे ढाबों की संख्या का पता लगाया जा सके जिसे निर्धारित भूमि पर संचालित नहीं किया जा रहा है।
अदालत ने दुघर्टना के कारणों को उद्धाटित करते हुए कहा कि अनधिकृत ढाबों के कारण वाहनों को सड़क किनारे खतरनाक तरीके से पार्क किए जाते हैं, जिसे सही से नहीं देखने के कारण (ब्लाइंड स्पॉट) टक्कर का खतरा पैदा होता है।
पीठ ने कहा, "आम जनता ने ऐसे स्थानों पर ढाबे खोल लिए हैं जो उनके लिए उपलब्ध नहीं हैं। वाहन भी वहीं रुकते और पार्क करते हैं जिससे अन्य वाहन इन खड़े वाहनों का पता नहीं लगा पाते, जिससे दुर्घटनाएं घटित होती हैं।"अदालत ने सड़कों के रखरखाव पर स्थिति रिपोर्ट भी मांगी है, जिसमें यह भी पूछा गया है कि क्या ठेकेदार निर्धारित सुरक्षा मानदंडों और मानकों का पालन कर रहे हैं। इसके अलावा गृह मंत्रालय और संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों को ढ़ाबों और राजमार्गों की स्थिति में सुधार करने में सहायता के लिए प्रतिनियुक्त किया गया है।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित