कोलकाता , अक्टूबर 03 -- केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को यहाँ की एक अदालत में प्राथमिक शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में अपना अंतिम आरोप पत्र दाखिल किया।
आरोपपत्र में पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य, बिभास अधिकारी और बोर्ड की पूर्व सचिव रत्ना बागची के नाम आरोपियों की सूची में शामिल हैं। सीबीआई जाँच के अनुसार प्राथमिक भर्ती प्रक्रिया के दौरान कम से कम 350 उम्मीदवारों की अवैध रूप से भर्ती की गयी थी।
जांचकर्ताओं को संदेह है कि बिभास अधिकारी ने भर्ती रैकेट में एक एजेंट के रूप में काम किया था, जबकि रत्ना बागची भी इस साजिश में शामिल थीं। बागची माणिक के कार्यकाल में बोर्ड की सचिव थी। इस मामले में केंद्रीय एजेंसी ने बागची से पहले भी पूछताछ की थी।
सीबीआई जहाँ भर्ती में अनियमितताओं की जाँच कर रही है, वहीं प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) घोटाले से जुड़े वित्तीय लेन-देन की अलग से जाँच कर रहा है।
ईडी ने मनी ट्रेल के सिलसिले में रत्ना बागची को भी पूछताछ के लिए बुलाया था। बीरभूम जिले के नलहाटी निवासी बिभास अधिकारी का नाम राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और पूर्व बोर्ड अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य की गिरफ्तारी के बाद सामने आया था।
कभी निजी बी.एड और डी.एल.एड कॉलेजों के एक संघ के प्रमुख रहे बिभास, माणिक के करीबी माने जाते थे। उन्हें ईडी और सीबीआई दोनों ने कई बार पूछताछ के लिए बुलाया है। हाल ही में उन्हें उत्तर प्रदेश के नोएडा में एक और धोखाधड़ी गिरोह चलाने के लिए कथित तौर पर एक फर्जी कार्यालय चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
ईडी अधिकारियों ने माणिक की गिरफ्तारी के बाद उत्तरी कोलकाता के एमहर्स्ट स्ट्रीट स्थित एक फ्लैट की तलाशी ली। छापेमारी के बाद फ्लैट को सील कर दिया गया। इससे पहले, सीबीआई ने उनके बीरभूम स्थित आवास और उनके एक आश्रम की भी तलाशी ली थी।
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