पटना , अक्टूबर 06 -- िहार विधानसभा के 2020 के चुनाव में कांटे की टक्कर में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने महागठबंधन पर मात्र 0.03 प्रतिशत वोटों के अंतर से जीत दर्ज कर सत्ता बरकरार रख इस चुनाव को राज्य के राजनीतिक इतिहास का सबसे रोमांचक और कड़े मुकाबले वाला चुनाव बना दिया था।
निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, राजग को 37.26 प्रतिशत और महागठबंधन को 37.23 प्रतिशत वोट मिले थे। यानी दोनों गठबंधनों के बीच कुल वोटों का सिर्फ 0.03 प्रतिशत अंतर रहा, जिसने सरकार के गठन का फैसला तय किया।
राजग में शामिल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सबसे ज्यादा 19.46 प्रतिशत वोट मिले, जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) को 15.39 प्रतिशत मत मिले। वहीं, सहयोगी दलों विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को 1.52 प्रतिशत और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) को 0.89 प्रतिशत वोट मिले।
महागठबंधन की अगुवाई करने वाली राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को 23.11 प्रतिशत वोट मिले। इसके अलावा कांग्रेस को 9.48 प्रतिशत, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा माले) को 3.16 प्रतिशत, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) को 0.83 प्रतिशत और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) को 0.65 प्रतिशत मत प्राप्त हुए।
सीट बंटवारे के तहत राजग में भाजपा ने 110, जदयू ने 115, वीआईपी ने 11 और हम ने 07 सीटों पर चुनाव लड़ा था।परिणाम में भाजपा ने 74, जदयू ने 43, वीआईपी और हम ने चार-चार सीटें जीतीं। कुल मिलाकर राजग ने 125 सीटें हासिल कीं और बहुमत के आंकड़े को पार कर सत्ता में वापसी की। हालांकि इस चुनाव में नीतीश कुमार की जदयू को भारी नुकसान हुआ, उसकी सीटें पिछली बार के मुकाबले 28 घटकर 43 पर सिमट गईं।
वहीं, महागठबंधन के तहत राजद को 144, कांग्रेस को 70, (भाकपा माले) को 19, भाकपा को 06 और माकपा को चार सीटें दी गई थीं। इसमें से राजद ने 75, कांग्रेस ने 19, भाकपा माले ने 12 और भाकपा एवं माकपा ने दो-दो सीटें जीतीं। कुल मिलाकर महागठबंधन को 110 सीटें मिलीं।
उपेन्द्र कुशवाहा ने इस चुनाव में ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेक्युलर फ्रंट का गठन किया था, जिसमें उनकी पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के साथ बहुजन समाज पार्टी ( बसपा) ,असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम), समाजवादी जनता दल (डेमोक्रेटिक) ,सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) शामिल थे।हालांकि इस गठबंधन को बड़ी सफलता नहीं मिली। एआईएमआईएम ने पांच सीटें, बसपा ने एक सीट जीती, जबकि श्री कुशवाहा की पार्टी रालोसपा को एक भी सीट नहीं मिली।
वहीं, चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने अकेले दम पर 135 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन पार्टी को केवल एक सीट पर ही सफलता मिल सकी।
कुल मिलाकर बिहार का 2020 चुनाव बेहद कांटे की टक्कर वाला रहा, जिसमें वोटों का मामूली अंतर ही तय कर गया कि राज्य की सत्ता किसके हाथों में जाएगी।
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