मुंबई , अक्टबूर 07 -- सब्जियों और दालों की कीमतों में नरमी के कारण सितंबर में आम लोगों की थाली एक साल पहले की तुलना में सस्ती हुई।
साख निर्धारक एवं बाजार अध्ययन एजेंसी क्रिसिल इंटेलिजेंस की मंगलवार को जारी मासिक 'रोटी राइस रेट' रिपोर्ट में कहा गया है कि सितंबर 2024 के मुकाबले सितंबर 2025 में निरामिष (वेज) थाली 10 प्रतिशत और सामिष (नॉन-वेज) थाली छह प्रतिशत सस्ती हुई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सितंबर में सालाना आधार पर आलू की कीमत 31 प्रतिशत और टमाटर की आठ प्रतिशत कम हुई। उत्पादन बढ़ने और बंगलादेश को निर्यात कम होने से प्याज 46 प्रतिशत सस्ता हुआ है।
इसके अलावा मार्च 2026 तक चुनिंदा दालों के आयात की अनुमति देने से दालों के दाम 16 फीसदी घट गये।
वहीं, खाद्य तेलों के दाम में सालाना आधार पर 21 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी। इसके साथ ही, रसोई गैस के दाम बढ़ने से थाली की कुल लागत में गिरावट सीमित रही।
हालांकि इस साल अगस्त से तुलना करें तो सितंबर में निरामिष थाली जहां तीन प्रतिशत सस्ती हुई, वहीं सामिष थाली तीन प्रतिशत महंगी हुई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मासिक आधार पर टमाटर के दाम 21 फीसदी घटकर 42 रुपये प्रति किलोग्राम रह गये। आलू और प्याज की कीमतों में क्रमशः दो प्रतिशत और तीन प्रतिशत की गिरावट देखी गयी। वहीं, मासिक आधार पर सामिष थाली की कीमत बढ़ने का कारण चिकेन और अंडों के दाम में 10 प्रतिशत की वृद्धि रही। क्रिसिल इंटेलिजेंस के निदेशक पुशन शर्मा ने कहा कि अगस्त और सितंबर में प्याज उत्पादक राज्यों कर्नाटक और महाराष्ट्र में अत्यधिक बारिश से खरीफ फसल की बुवाई में देरी हुई है। इससे मध्यम अवधि में प्याज के दाम बढ़ सकते हैं। यदि अक्टूबर में भी भारी बारिश जारी रही तो खड़ी फसल को नुकसान हो सकता है जिससे कीमतों में और तेजी रह सकती है।
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