उज्जैन , नवम्बर 19 -- मध्यप्रदेश की धार्मिक एवं प्राचीन नगरी उज्जैन में सिंहस्थ महापर्व 2028 की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए करोड़ों रुपए की लागत से जारी विकास कार्यों से शहर का पूरा स्वरूप बदलने जा रहा है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सिंहस्थ के दौरान देश-विदेश से आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं की सुविधा, आवागमन और शिप्रा नदी में स्वच्छ स्नान व्यवस्था के लिए बड़े पैमाने पर परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के प्रयासों से शिप्रा नदी को निर्मल एवं सतत प्रवाहमान बनाने के लिए कान्ह क्लोज डक्ट, सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना और शिप्रा नदी के दोनों तटों पर लगभग 30 किलोमीटर लंबे नवीन घाटों का निर्माण तेजी से आगे बढ़ रहा है। सिंहस्थ के पहले जिले में लगभग 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि से विविध विकास कार्य संपादित किए जा रहे हैं।

इस समय 919.94 करोड़ रुपए की लागत से कान्ह डायवर्शन क्लोज डक्ट परियोजना पर कार्य निरंतर जारी है। इस परियोजना के तहत 18.5 किलोमीटर कट/कवर और 12 किलोमीटर सुरंग का निर्माण कर कान्ह नदी के जल को शहर की सीमा से बाहर गंभीर नदी में प्रवाहित किया जाएगा। सितंबर 2027 तक पूर्ण होने वाली इस योजना की कुल लंबाई 30.15 किलोमीटर रहेगी और इसके बाद शिप्रा में वर्षभर स्वच्छ जल प्रवाहित होता रहेगा।

सिंहस्थ में आने वाले विशाल जनसमूह के आवागमन को सुगम बनाने के लिए शहर में सड़कों का चौड़ीकरण, नई सड़कों का निर्माण और महत्वपूर्ण यातायात मार्गों का विस्तार किया जा रहा है। सिंहस्थ बाईपास से मेला क्षेत्र तक शिप्रा नदी के पश्चिमी तट पर एक समानांतर सड़क उज्जैन विकास प्राधिकरण द्वारा बनाई जा रही है, जो शनि मंदिर, भूखी माता मंदिर, रणजीत हनुमान मंदिर और काल भैरव मंदिर को जोड़कर आवागमन में बड़ा सुधार करेगी।

सिंहस्थ की आवश्यकताओं को देखते हुए 19 नए पुलों और सड़क ओवर ब्रिजों का निर्माण किया जा रहा है। इनमें 14 पुल नदी पर और 5 सड़क ओवर ब्रिज शामिल हैं, जिनकी अनुमानित लागत 440.13 करोड़ रुपए है। लंबे समय से प्रतीक्षित फ्रीगंज ब्रिज भी इसी श्रेणी में शामिल है। इसके अतिरिक्त हरिफाटक ब्रिज का चौड़ीकरण 371.11 करोड़ रुपए की लागत से किया जा रहा है।

सिंहस्थ क्षेत्र और शहर के विभिन्न वार्डों में सीवरेज पाइपलाइन और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य 476.06 करोड़ रुपए की लागत से किया जा रहा है। साथ ही उज्जैन शहर में 1113 करोड़ रुपए की लागत वाली नई पेयजल परियोजना के अंतर्गत 150 एमएलडी पानी की क्षमता वाला वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, 700 किलोमीटर से अधिक पाइपलाइन नेटवर्क और 17 नए जल टैंक बनाए जा रहे हैं।

उज्जैन के ऐतिहासिक कोठी पैलेस का संरक्षण कर उसे 'वीर भारत संग्रहालय' के रूप में विकसित किया जाएगा। यह परियोजना दो चरणों में पूरी होगी। इसी प्रकार वीर दुर्गादास राठौर की छत्री पर 52.69 करोड़ रुपए की लागत से विकास कार्य किए जा रहे हैं।

इस बार सिंहस्थ महापर्व को 'जीरो वेस्ट इवेंट' के रूप में आयोजित करने की विशेष तैयारी की जा रही है, जिसमें कचरा प्रबंधन, पुनर्चक्रण, सामुदायिक भागीदारी और आधुनिक तकनीक के उपयोग पर जोर रहेगा।

श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए 550 बिस्तरों वाला अस्पताल भवन, 150 सीट वाला नया चिकित्सा महाविद्यालय भवन और छात्रावास का निर्माण तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसके अतिरिक्त इंदौर से उज्जैन के बीच 48 किलोमीटर लंबी नई ग्रीन फील्ड सड़क का निर्माण 2935 करोड़ रुपए की लागत से किया जाएगा, जो आने-जाने में बड़ा सुधार लाएगी।

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