नयी दिल्ली, सितंबर 25 -- केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को दूरसंचार ऑपरेटरों और उपकरण निर्माताओं से दूरसंचार विभाग के साथ मिलकर काम करने की अपील की।

श्री सिंधिया ने यहां एक विशेष सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता की जिसमें इन कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार डिजिटल खाई को पाटने, नवाचार को बढ़ावा देने और स्वदेशी दूरसंचार विनिर्माण को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं और उपकरण निर्माताओं दोनों को दूरसंचार विभाग के साथ मिलकर काम करने और निर्धारित समय-सीमा के भीतर कार्रवाई योग्य प्रतिक्रिया प्रदान करने का निर्देश दिया।

केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारतीय मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) 2025, ग्वालियर में दूरसंचार विनिर्माण क्षेत्र (टीएमजेड) और जबलपुर में नवाचार केंद्र जैसी आगामी पहलें देश को दूरसंचार प्रौद्योगिकी, सेवाओं और विनिर्माण का वैश्विक केंद्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगी।

बैठक में दूरसंचार सचिव नीरज मित्तल भी मौजूद थे।

विचार-विमर्श के दौरान श्री सिंधिया ने कहा कि दूरसंचार सेवा प्रदाताओं द्वारा पहले उठाये गये अधिकांश लंबित मुद्दों, विशेष रूप से साइबर सुरक्षा, स्पैम नियंत्रण, मानकों और प्रौद्योगिकी अंतर-संचालनीयता से संबंधित मुद्दों, का समाधान कर लिया गया है। तीन महत्वपूर्ण मुद्दे -डिजिटल खाई, स्पेक्ट्रम प्राधिकार और फिक्स्ड-लाइन सेवाओं की व्यावसायिक व्यवहार्यता अब भी विचाराधीन हैं, और हितधारकों से 06 अक्टूबर तक मसौदा नियमों पर प्रतिक्रिया मांगी गयी है। आगामी दूरसंचार नीति ढांचे के तहत टेलीमार्केटर के लिए नियमों, लाइसेंस शुल्क और बिजली की आवश्यकताओं से संबंधित मामलों पर भी विचार किया जा रहा है।

दूरसंचार उपकरण निर्माताओं के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि स्वदेशी विनिर्माण, परीक्षण और प्रमाणन समयसीमा, और व्यापार सुगमता उपायों से संबंधित मुद्दों का समाधान कर लिया गया है। चार मुद्दे अब भी लंबित हैं, जिनमें वैश्विक प्रतिस्पर्धियों के साथ लागत संरचना में समानता, आयात कम करने के लिए आंशिक से पूर्ण घरेलू विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र का विकास, डिजाइन-आधारित विनिर्माण को बढ़ावा, और एकल-स्रोत घटक खरीद चुनौतियां शामिल हैं।

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