नयी दिल्ली, सितंबर 27 -- दिल्ली अपराध शाखा की साइबर सेल ने एक बड़े ऑनलाइन स्टॉक मार्केट घोटाले का पर्दाफाश करते हुए दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस संगठित ठगी सिंडिकेट ने भोले-भाले निवेशकों को पहले झूठे मुनाफे और फिर निवेश डूब जाने के डर के जाल में फंसाकर 47 लाख रुपये से अधिक की ठगी की थीपुलिस उपायुक्त साइबर सेल आदित्य गौतम ने शनिवार को बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान साहिल यादव (25) और आर्यन (22) के रूप में हुई है। चौंकाने वाली बात यह है कि ये दोनों आरोपी कथित तौर पर चीन में बैठे एक नागरिक के इशारे पर काम कर रहे थे।

साइबर सेल दर्ज प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की, पता चला कि शिकायतकर्ता को टेलीग्राम ग्रुप के माध्यम से फंसाया गया था, जहाँ 'बाय टुडे-सेल टुमॉरो' और आईपीओ रेटिंग के नाम पर त्वरित और बड़े मुनाफे का लालच दिया गया।

ठगों ने शिकायतकर्ता को एक फर्जी वेबसाइट पर निवेश करने के लिए प्रेरित किया। शिकायतकर्ता ने दो महीनों के भीतर करीब 47 लाख रुपये की राशि आईएमपीएस, एनईएफटी और यूपीआई के माध्यम से कई निजी बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए।

जब पीड़ित ने अपने पैसे निकालने का प्रयास किया, तो ठगों ने धमकाना शुरू कर दिया और और अधिक पैसे जमा करने का दबाव डाला।

ठाकुर संजयवार्ताजांच में पता चला कि ठगी की रकम को हर्षिता फर्नीचर्स एंड इंटीरियर्स नामक एक आईडीएफसी फर्स्ट बैंक खाते में जमा किया गया। इसके बाद 23.80 लाख रुपये बबाई इंस्टेंट शॉप ओपीसी प्राइवेट लिमिटेड के इंडसइंड बैंक खाते में भेजे गए। इस फर्जी फर्म का मालिक साहिल यादव था, जबकि रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर आर्यन के नाम पर था।

आरोपियों ने इंडसइंड, एचडीएफसी, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट, एयू स्मॉल फाइनेंस, बंधन और इक्विटास जैसे कई बैंकों में सात खाते खोल रखे थे, जिनका उपयोग ठगी के पैसे की लॉन्ड्रिंग के लिए किया गया। इस फर्म के खिलाफ पहले ही एनसीआरपी ( नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल) पर 89 शिकायतें दर्ज थीं।

पूछताछ से पता चला कि दोनों आरोपी नोएडा में एक ऑफिस चला रहे थे और दिल्ली के उत्तम नगर में एक हैंडलर को रिपोर्ट करते थे। यह हैंडलर चीन में रहने वाले 'टॉम' नामक व्यक्ति से निर्देश लेता था, जिसे इस पूरे सिंडिकेट का मास्टरमाइंड माना जा रहा है।

एसीपी अनिल शर्मा के नेतृत्व में एक टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उनका लोकेशन ट्रैक किया। जिसमें ग्रेटर नोएडा में आर्यन की मौजूदगी की सूचना के बाद छापेमारी करके दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

आरोपियों ने बताया कि उन्हें दिसंबर 2024 में टेलीग्राम के जरिए इस काम के लिए भर्ती किया गया था और उन्हें हर 1 करोड़ रुपये के लेन-देन पर 30,000 रुपये कमीशन देने का वादा किया गया था।

पुलिस इस साइबर ठगी के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए गहन जांच कर रही है, जिसमें चीनी मास्टरमाइंड को पकड़ना और अन्य स्थानीय सहयोगियों की पहचान करना शामिल है।

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