भोपाल, 14 नवम्बर 2025 (वार्ता) साँची बौद्ध भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय की 13वीं कार्यपरिषद बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये, जिनसे विश्वविद्यालय के शैक्षणिक, सांस्कृतिक और अवसंरचनात्मक विकास को नई दिशा मिलेगी। बैठक की अध्यक्षता कुलगुरु प्रो. वैद्यनाथ लाभ ने की।

बैठक में निर्णय लिया गया कि साँची स्तूप और उससे संबंधित किताबों, प्रकाशनों, जर्नल तथा अन्य संग्रहणीय सामग्री का संकलन कर उन्हें साँची विश्वविद्यालय के ग्रंथालय में सुरक्षित रखा जाएगा। साथ ही विश्वविद्यालय बौद्ध धर्म से जुड़े ग्रंथों और दुर्लभ पुस्तकों का विभिन्न भाषाओं में अनुवाद कर उनका प्रकाशन भी करेगा।

कार्यपरिषद ने साँची विश्वविद्यालय में विपस्सना एवं ध्यान केंद्र स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इस केंद्र में नियमित विपस्सना शिविर आयोजित किए जाएंगे। परिषद ने विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह के आयोजन का भी अनुमोदन किया है, जो जल्द ही आयोजित किया जाएगा।

साँची विश्वविद्यालय परिसर से लगी 20 एकड़ अतिरिक्त भूमि प्राप्त करने के लिए राज्य शासन को प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया गया है। इसी भूमि पर अंतर्राष्ट्रीय ध्यान केंद्र विकसित किया जाएगा। साथ ही भवन निर्माण के द्वितीय चरण का मास्टर प्लान तैयार कर शासन को भेजने का निर्णय भी लिया गया।

कार्यपरिषद ने साँची लिटरेचर फेस्टिवल को मूर्त रूप देने के निर्देश दिए। शैक्षणिक भर्ती नियमों को यूजीसी मानकों के अनुरूप तैयार कराने हेतु एक समिति का गठन और संविदाकर्मियों के नियमितिकरण प्रक्रिया को भी मंजूरी प्रदान की गई।

बैठक में परिषद सदस्य के रूप में उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. ईश्वरशरण विश्वकर्मा, एएमयू के संस्कृत विभाग से रिटायर्ड प्रो. एस. पी. शर्मा, अभय कात्यायन उपस्थित रहे। इसके अलावा मप्र शासन संस्कृति विभाग के उपसचिव राजेश गुप्ता, कार्यपरिषद सचिव व कुलसचिव विवेक पाण्डेय, पूर्व कुलसचिव प्रो. नवीन मेहता तथा सहायक प्राध्यापक डॉ. राहुल सिद्धार्थ भी शामिल हुए।

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