रायचूर (कर्नाटक) , अक्टूबर 16 -- केंद्रीय वित्त एवं कार्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि सरकार ने देश के किसानों के लाभ के लिए कृषि श्रृंखला की हर कड़ी को मजबूत करने की कई पहल की हैं। इनमें कृषि उपजों का लाभदायक समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने से लेकर बीमा तथा कर्ज की सुविधाओं को विस्तार की पहल शामिल है।

उन्होंने किसानों को अच्छी फसल के समय कृषि मंडियों में कीमतों में गिरावट के झटकों से बचाने के लिए इसके विभिन्न पहलुओं पर ध्यान रखने की जरूरत को रेखांकित किया है। वित्त मंत्री सीतारमण यहां रायचूर ज़िले में किसान प्रशिक्षण एवं सामान्य सुविधा केंद्र का उद्घाटन करने के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रही थीं। कार्यक्रम का आयोजन वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ,नाबार्ड और सांसद क्षेत्रीय विकास योजना (एमपीलैड) ने मिल कर किया था।

श्रीमती सीतारमण ने अपने एमपीलैड कोष से इस केंद्र को वित्तीय सहयोग दिया है।

उन्होंने कहा "सरकार ने हमारे किसानों के लाभ के लिए इस श्रृंखला की हर कड़ी - मूल्य समर्थन, बाज़ार, मिट्टी, पानी, जोखिम सुरक्षा और कार्यशील पूंजी - पर काम किया है। उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के माध्यम से आय सुरक्षा, ई-नाम प्लेटफॉर्म से मंडी सुविधा के विस्तार, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, फसल बीमा और पीएम किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं का विशेष रूप से उल्लेख किया।

वित्त मंत्री ने कहा कि अरहर का एमएसपी 2013-14 के 4,300 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 2025-26 में 8,000 रुपये हो गया है जो 86 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। इसी तरह मूंग के एमएसपी में इस दौरान 95 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह 4,500 से बढ़कर लगभग 8,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है, उड़द का न्यूनतम समर्थन मूल्य 81 प्रतिशत बढ़कर 4,300 से 7,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। सामान्य किस्म के धान का एमएसपी भी 1,310 प्रति क्विंटल की तुलना में बढ़कर 2,369 तक पहुंच गया है।

उन्होंने कहा कि ई-नाम प्लेटफॉर्म पर आज 1,473 मंडियाँ जुड़ी हैं, जिनमें 1.79 करोड़ किसान, 2.59 लाख व्यापारियों ने 4.01 लाख करोड़ रुपये का का रिकॉर्ड व्यापार किया है।

श्रीमती सीतारमण ने कहा " हमने उत्पादन का आधार मज़बूत किया है। 24.74 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किए गये हैं और 8,272 परीक्षण प्रयोगशालाएँ स्थापित की हैं और राज्यों को 1,700 करोड़ से रुपये अधिक की राशि जारी की गयी है।" प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के तहत, 2021-26 की अवधि के लिए सभी राज्यों को 93,000 कराेड़ से अधिक की राशि आवंटित की गयी है।

उन्होंने बताया कि पीएमएफबीवाई के अंतर्गत फसल नुकसान की भरपाई की जाती है। लगभग 1.75 लाख करोड़ रुपये के दावे वितरित किए जा चुके हैं। इसी तरह पीएम-किसान में पूरे देश में किसानों को 3.69 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा की राशि वितरित की जा चुकी है।

श्रीमती सीतारमण ने कहा कि कर्नाटक में बेंगलुरु आगे बढ़ गया है जबकि रायचूर में विकास की कुछ कमियाँ हैं। लेकिन केंद्र सरकार ऐसे ज़िलों को पिछड़े ज़िलों के रूप में नहीं बल्कि विकास की आकांक्षा रखने वाले जिलों के रूप में देखती है। उन्होंने कहा " हम उन्हें अपार, अप्रयुक्त क्षमता वाले ज़िलों के रूप में देखते हैं। इसलिए हमने उन्हें आकांक्षी ज़िला कार्यक्रम (एडीपी) के तहत 'आकांक्षी ज़िले' के रूप में नामित किया है।"सूखा ग्रस्त रायचूर की पहचान एक एडीपी के रूप में की गयी है और राज्य का ऐसा दूसरा जिला यादगीर है।

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