विजयवाड़ा , नवंबर 05 -- आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि जलवायु और आने वाली पीढ़ियों के हितों की रक्षा के लिए उपयुक्त मंच तैयार करना प्रशासन और उद्योगपतियों की सामूहिक ज़िम्मेदारी है।
गौरतलब है कि लंदन स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ डायरेक्टर्स ने चंद्रबाबू नायडू की पत्नी नारा भुवनेश्वरी को लंदन में समाजशास्त्रीय मुद्दों पर उनकी सेवाओं के लिए प्रतिष्ठित फ़ेलोशिप 2025 पुरस्कार प्रदान किया है। उन्हें हेरिटेज फ़ूड्स के लिए कॉर्पोरेट प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए गोल्डन पीकॉक पुरस्कार भी मिला। नारा भुवनेश्वरी के अलावा पुरस्कार प्राप्त करने वालों में डॉ. कृष्ण प्रसाद चिगुरुपति, प्रोफेसर पीटर बोनफील्ड और हर्षबीना झावेरी शामिल हैं।
इसी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने सुश्री भुवनेश्वरी को दो पुरस्कार मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि ब्रिटेन और भारत के बीच संबंध मज़बूत हो रहे हैं। श्री नायडू ने बताया कि जुलाई में दोनों देशों के बीच हुए समझौते से दोनों देशों के बीच व्यापार सहयोग का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा, "सरकार के साथ-साथ विभिन्न संगठनों के दृष्टिकोण को वैश्विक मांगों के अनुसार बदलना चाहिए। उभरती हुई तकनीक से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए पूर्व-योजना आवश्यक है। चूंकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, इसलिए आंध्र प्रदेश भी उसी के अनुसार योजना बना रहा है।" उन्होंने कहा कि गूगल कंपनी विशाखापत्तनम में एक एआई डेटा सेंटर स्थापित कर रही है जिससे नवाचार, अनुसंधान और कौशल विकास को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रौद्योगिकी से लोगों के जीवन स्तर में सुधार होना चाहिए। हाल ही में आए मोन्था चक्रवात का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि प्रौद्योगिकी-आधारित योजना और वास्तविक समय निगरानी के साथ राज्य सरकार चक्रवात के दौरान जान-माल के नुकसान को रोकने में सक्षम रही।
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