क्लेनमंड (दक्षिण अफ्रीका) , अक्टूबर 03 -- राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने दक्षिण अफ्रीका के क्लेनमंड में चल रहे 11वें जी-20 संसदीय अध्यक्षों के शिखर सम्मेलन (पी20) में कई देशों के द्विपक्षीय बैठकें कर विभिन्न मुद्दों पर भारत का पक्ष रखा।
श्री हरिवंश ने द्विपक्षीय बैठकों की एक श्रृंखला में रूस, जर्मनी, इटली और मेजबान दक्षिण अफ्रीका की संसदों के पीठासीन अधिकारियों के साथ संसदीय सहयोग को सुदृढ़ करने, व्यापार साझेदारी, प्रौद्योगिकी एवं संपोषणीय विकास पर भारत का पक्ष रखा। उपसभापति ने इन बैठकों में पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद सीमा पार आतंकवाद पर भारत का रुख सामने रखने के लिए भारतीय संसद सदस्यों वाले प्रतिनिधिमंडलों द्वारा विभिन्न देशों की यात्रा का भी स्मरण कराया।
रूस की फेडरेशन काउंसिल के डिप्यूटी स्पीकर कोंस्टैंटिन कोसाचेव के साथ अपनी बैठक में उन्होंने दोनों देशों के बीच विभिन्न लाभकारी संबंधों और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में दीर्घकालिक साझेदारियों पर चर्चा की।
उन्होंने ओमिद नूरीपुर, बुंडेस्टाग (जर्मनी की संसद का लोअर हाउस) के वाइस प्रेसीडेंट के साथ बैठक में दोनों देशों के मिलजुल कर और अधिक कार्य करने की संभावना और व्यापार एवं संपोषणीय विकास साझेदारी के लिए सफल रूप से सहयोग स्थापित करने पर बल दिया। उपसभापति ने भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते पर वार्ता को अंतिम रूप देने में जर्मनी से भी सहयोग मांगा। ज्ञात रहे कि दोनों देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं का द्विपक्षीय व्यापार 50 अरब डॉलर को पार कर गया है। जर्मनी के पास एक 'कुशल श्रम रणनीति' भी है जो भारतीय पेशेवरों के जर्मनी जाने को सुगम बनाने पर केंद्रित है।
उपसभापित ने दक्षिण अफ्रीका की राष्ट्रीय सभा की स्पीकर थोको दीदिजा से मुलाकात कर भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच लंबे समय से चले आ रहे ऐतिहासिक एवं प्रगाढ़ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती दी।
इससे पहले श्री हरिवंश इतालवी सीनेट की वाइस प्रसीडेंट लिशिया रोंज़ुली के नेतृत्व में इतालवी प्रतिनिधिमंडल के साथ द्विपक्षीय बैठक की। दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश, शिक्षा, रक्षा, संस्कृति, शिक्षा और लोगों के बीच संबंधों के क्षेत्रों में हुई प्रगति पर चर्चा की।
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