न्यूयॉर्क/नयी दिल्ली, सितम्बर 30 -- संयुक्त राष्ट्र की प्रासंगिकता और उसके बहुपक्षीय स्वरूप को लेकर उठाये गये सवालों पर एक सप्ताह से भी अधिक समय तक चली विचारोत्तेजक तथा तीखी बहस के बाद वैश्विक संस्था की महासभा का 80 वां सत्र मंगलवार को न्यूयार्क में संपन्न हो गया। ।
महासभा अध्यक्ष एनालेना बैरबॉक ने कहा कि विभाजित विश्व में यह वैश्विक निकाय अभी भी 'कूटनीति और संवाद का केंद्र' बना हुआ है और संयुक्त राष्ट्र की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर सदस्य देशों को दुनिया को बताना होगा कि यह संगठन क्यों महत्वपूर्ण है और आने वाले दशकों में इसके संस्थापक सिद्धांतों को कायम रखना जरूरी है।
विश्व संस्था के 189 सदस्य देशों के नेताओं के सशक्त भाषणों के साथ बहस का समापन हुआ। ज्यादातर विश्व नेताओं के इज़राइली हमलों को रोकने के लिए तत्काल वैश्विक कार्रवाई के आह्वान के बीच गाजा में गहराते मानवीय संकट की गूंज भी महासभा में सुनाई दी । हालाकि इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि इज़राइल तब तक चैन से नहीं बैठेगा जब तक हमास का सफाया नहीं हो जाता और बंधकों को रिहा नहीं कर दिया जाता।
कई नेताओं ने यूक्रेन की स्थिति और वहां युद्ध की समाप्ति का आह्वान भी किया।
सत्र के दौरान कुछ नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र की प्रासंगिकता पर गहन टिप्पणियां की जबकि कुछ ने नई चुनौतियों से निपटने के लिए विश्व निकाय को मजबूत बनाने और उसमें आमूल-चूल परिवर्तन की मांग की।
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