नयी दिल्ली , नवम्बर 21 -- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार श्रम संहिताओं के लागू होने का स्वागत करते हुए इसे श्रमिकों के लिए आज़ादी के बाद से सबसे बड़े और प्रगतिशील सुधारों में से एक बताया है। श्रम संहिताओं के शुक्रवार से प्रभावी होने के बाद श्री मोदी ने कहा कि ये सुधार श्रमिकों को मजबूती प्रदान करते हैं और कानून के अनुपालन को काफी आसान बनाने के साथ 'व्यापार सुगमता ' में बढ़ावा देते हैं।
श्री मोदी ने सोशल मीडिया पर सिलसिलेवार पोस्ट में कहा कि ये चारों संहिता सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा , न्यूनतम और समय पर मज़दूरी , सुरक्षित कार्यस्थल और लोगों विशेष रूप से नारी शक्ति तथा युवा शक्ति के लिए फायदेमंद अवसरों की मज़बूत नींव का काम करेंगी।
उन्होंने कहा कि ये सुधार भविष्य के लिए एक इकोसिस्टम बनाएंगे जो श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करेगा और देश की आर्थिक वृद्धि को मज़बूत करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इनसे रोजगार को बढ़ावा मिलेगा, उत्पादकता बढेगी और देश की विकसित भारत की ओर बढ़ने की यात्रा में तेजी आयेगी।
श्री मोदी ने पोस्ट में कहा , " श्रमेव जयते! आज, हमारी सरकार ने चार लेबर कोड लागू किए हैं। यह आज़ादी के बाद से सबसे बड़े और आगे बढ़ने वाले लेबर-ओरिएंटेड सुधारों में से एक है। यह हमारे वर्कर्स को बहुत मज़बूत बनाता है। यह कम्प्लायंस को भी काफी आसान बनाता है और 'ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस' को बढ़ावा देता है।"उल्लेखनीय है कि केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने कहा है कि चार श्रम संहिताएं- वेतन संहिता 2019, औद्योगिक संबंध संहिता 2020, सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्यदशा संहिता 2020 आज से प्रभावी होंगी। इनके लागू होने से 29 मौजूदा श्रम कानूनों में बदलाव होगा जिससे श्रमिकों के कल्याण को बढ़ावा मिलेगा।
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