पटना , नवंबर 21 -- बिहार में शिक्षा विभाग ने सरकारी प्रारंभिक, मध्य, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत 27,171 शिक्षक- शिक्षिकाओं की अंतरजिला तैनाती की अंतिम प्रक्रिया शुरू कर दी है।

विभाग की ओर से जारी नई मार्गदर्शिका के अनुसार, इन शिक्षकों से 24 नवंबर से पांच दिसंबर तक ई- शिक्षाकोष पोर्टल पर पांच- पांच प्रखंडों का विकल्प लिया जायेगा, जिसके बाद 10 से 15 दिसंबर के बीच प्रखंड आवंटन और 31 दिसंबर तक सभी शिक्षकों की विद्यालयों में तैनाती पूरी कर दी जायेगी। इस पूरी प्रक्रिया की आधिकारिक घोषणा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ बी राजेंद्र ने की है।

विभाग ने शिक्षकों की श्रेणी और प्राथमिकता क्रम को स्पष्ट करते हुये शिक्षकों की श्रेणी, उम्र, लिंग और दिव्यांगता को प्राथमिक मानदंड बनाया गया है।

इस प्रक्रिया के तहत राज्य के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को तीन श्रेणियों नियमित शिक्षक, विशिष्ट शिक्षक (सक्षमता परीक्षा एक और दो उत्तीर्ण और पूर्व में नियोजित) और विद्यालय अध्यापक (बीपीएससी द्वारा टीआरई- एक और दो के तहत नियुक्त शिक्षक) में विभाजित किया गया है।

प्रखंड और विद्यालय आवंटन के दौरान उपलब्ध रिक्तियों के आधार पर शिक्षकों को निम्न क्रम में प्राथमिकता दी जायेगी। इसके तहत किसी भी प्रखंड या विद्यालय में यदि विषयवार रिक्ति सीमित है तो सबसे पहले नियमित शिक्षक, उसके बाद विशिष्ट शिक्षक और अंत में विद्यालय अध्यापक को प्राथमिकता दी जायेगी।

हर शिक्षक श्रेणी के भीतर भी अतिरिक्त प्राथमिकता तय की गई है। एक ही श्रेणी के शिक्षकों में प्रखंड या विद्यालय आवंटन के क्रम में दिव्यांग महिला शिक्षिका को पहली प्राथमिकता दी जायेगी। इसके बाद दिव्यांग पुरुष शिक्षक, सामान्य महिला शिक्षक और सामान्य पुरुष शिक्षकों को क्रमबद्ध प्राथमिकता दी जायेगी। इसके साथ ही अधिक उम्र वाले शिक्षकों को पहले प्राथमिकता दी जायेगी। साथ ही विषयवार और कक्षावार उपलब्ध रिक्ति को आधार मानकर ही अंतिम आवंटन किया जायेगा।

प्रखंड आवंटन के बाद विद्यालयों की सूची शिक्षक के विषय के अनुसार अवरोही क्रम में दिखाई जायेगी।

जारी आदेश पत्र के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाना अनिवार्य किया गया है कि हर विद्यालय में प्रत्येक विषय का कम से कम एक शिक्षक अवश्य हो। जब तक सभी विद्यालयों में एक- एक विषय शिक्षक उपलब्ध न हो जायें, तब तक किसी विद्यालय में दो शिक्षक एक विषय के नहीं भेजे जायेंगे। छात्र- शिक्षक अनुपात भी स्क्रीन पर प्रदर्शित होगा, जिससे वास्तविक आवश्यकता वाले विद्यालयों को प्राथमिकता मिले।

विद्यालय आवंटन के बाद सभी शिक्षकों को स्थानांतरण आदेश में निर्धारित तिथि तक नये विद्यालय में योगदान देना होगा। योगदान में विलंब होने पर विभागीय कार्रवाई की भी संभावना है।

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