अहिल्यानगर , अक्टूबर 05 -- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार महाराष्ट्र के किसानों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील है और भारी बारिश से प्रभावित किसानों को सहायता प्रदान की जाएगी।

श्री शाह ने पद्मश्री डॉ. विट्ठलराव विखे पाटिल और लोकनेता पद्मभूषण डॉ. बालासाहेब विखे पाटिल की प्रतिमाओं के अनावरण के बाद आयोजित किसान सभा को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें किसानों के कल्याण के लिए मिलकर काम कर रही हैं और महागठबंधन सरकार किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है। उन्होंने पद्मश्री डॉ. विट्ठलराव और बालासाहेब विखे पाटिल के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा , "दोनों महान नेताओं ने सहकारिता के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास क्रांति ला दी। महाराष्ट्र के इतिहास में उनका योगदान अमिट है।"कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार मौजूद थे। श्री शाह ने इन तीनों नेताओं की प्रशंसा करते हुए कहा, "देवेंद्रजी, एकनाथ शिंदे और अजितदादा महाराष्ट्र सरकार में त्रिमूर्ति हैं। इन तीनों में से कोई भी बनिया (व्यापारी) नहीं है, लेकिन तीनों की व्यावसायिक नैतिकता मज़बूत है। उन्होंने महाराष्ट्र के किसानों के कल्याण के लिए केंद्र के समक्ष दृढ़ता से तर्क दिया।"उन्होंने औरंगजेब का नाम लेते हुए उन्होंने विपक्ष के दोहरे मापदंड पर हमला बोला। उन्होंने कहा, "केवल छत्रपति शिवाजी महाराज के सच्चे वंशज ही औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर कर सकते हैं। लेकिन औरंगजेब के अनुयायियों में ऐसा करने का साहस नहीं है। महायुति सरकार ने ही औरंगाबाद, उस्मानाबाद और अहमदनगर शहरों के नाम बदलने की प्रक्रिया पूरी की। राज्य सरकार ने 13 मार्च, 2024 को 'अहिल्यानगर' नाम को मंजूरी दी थी, जबकि केंद्र सरकार ने 04 अक्टूबर, 2024 को इस प्रस्ताव को मंजूरी दी। इससे पहले, औरंगाबाद का नाम बदलकर 'छत्रपति संभाजीनगर' और उस्मानाबाद का नाम बदलकर 'धाराशिव' किया गया था। इन तीनों नामों के बदलाव ने महाराष्ट्र की सांस्कृतिक पहचान को नया अर्थ दिया है।"लोनी की सभा में श्री शाह ने स्वदेशी का नारा दिया और आर्थिक आत्मनिर्भरता का मंत्र दिया। उन्होंने कहा कि अगर हर भारतीय विदेशी वस्तुओं के बजाय स्वदेशी सामान खरीदने का संकल्प ले, तो भारत 2047 से पहले एक विकसित देश बन जाएगा। उन्होंने व्यापारियों से अपील की कि भारत का 140 करोड़ लोगों का बाजार दुनिया में सबसे बड़ा है और देश के उद्योगों को इसका लाभ उठाना चाहिए।

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