भोपाल, सितंबर 26 -- मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि शहरीकरण आज की सबसे बड़ी जरूरत है। नागरिकों का जीवन और अधिक सरल, सहज और सुविधा सम्पन्न बनाना ही हमारा लक्ष्य है।

डॉ. यादव ने शुक्रवार को यहां एक मीडिया समूह द्वारा आयोजित अर्बन ट्रांसफाॅर्मेशन समिट-2025 को संबोधित करते हुए कहा कि बेहतर सार्वजनिक सुविधाएं नागरिकों और समाज को न केवल मजबूत करती है, बल्कि उन्हें जिम्मेदार भी बनाती हैं। इसी दिशा में प्रदेश सरकार लगातार कदम बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के शहरों का विकास उनकी तासीर और विशिष्ट पहचान के अनुरूप किया जा रहा है। शहरों के विकास में हम वहां की पुरा-धरोहरों और विरासतों का भी ध्यान रख रहे हैं। ग्रीन और क्लीन सिटी के निर्माण की दिशा में हम योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ रहे हैं। अर्बन डेवलपमेंट के लिए कार्बन उत्सर्जन पर पूर्ण रोक लगाना एक बड़ा काम है। इन सभी चुनौतियों को पार करते हुए नागरिकों को स्वच्छ परिवेश देने के लक्ष्य पर आगे बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि बड़े शहरों में 'मेट्रोपोलिटन सिटी रीजन' की परिकल्पना के साथ सभी प्रमुख नगरों में मेट्रो ट्रेन सेवा और बड़े फ्लाईओवर का निर्माण किया जा रहा है, जिससे पब्लिक ट्रांसपोर्ट को सरल और आधुनिक बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्मार्ट सिटीज का निर्माण कर लोगों की नई पीढ़ी की जरूरतें पूरी की जा रही हैं। इन सभी प्रयासों से प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में विकास की नई धारा बहेगी और नागरिकों का जीवन और अधिक सुखद एवं सुरक्षित बनेगा।

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में शहरी विकास की योजनाओं का बेहतर ढंग से क्रियान्वयन हो रहा है। इंदौर लगातार 8 वर्षों से देश का सबसे स्वच्छ शहर है, हमारे अन्य प्रमुख शहर जैसे भोपाल, जबलपुर, उज्जैन और ग्वालियर भी डिजिटल सुशासन, गतिशीलता और ईज ऑफ लिविंग को बढ़ावा देते हुए उत्कृष्ट शहरों के रूप में उभरे हैं। प्रदेश में अफॉर्डेबल हाउसिंग के अंतर्गत 8.56 लाख आवासों का निर्माण पूर्ण किया जा चुका है, जिनमें से लगभग 7.75 लाख आवास परिवार की महिलाओं या संयुक्त नाम से हैं। प्रदेश सरकार ने लगभग 10 लाख नये घरों का निर्माण करने का लक्ष्य रखा है, जिस पर 50 हजार करोड़ का निवेश होना संभावित है। अमृत योजना 2.0 में सभी नगरीय निकायों को शामिल किया गया है। इस योजना के तहत जल आपूर्ति में 5,869 करोड़ रुपये की 297 परियोजनाओं में से 3,450 करोड़ रुपए की 224 परियोजनाओं के कार्य प्रारंभ हो चुके हैं। सीवरेज की 4,932 करोड़ रुपये की 36 परियोजनाओं में से 1,312 करोड़ रुपये की 04 परियोजनाओं के कार्य प्रारंभ हो गया है। इससे प्रदेश की लगभग 60 प्रतिशत शहरी आबादी लाभान्वित होगी। प्रदेश में नगरीय क्षेत्रों के संभावित विस्तार के दृष्टिगत हमारी सरकार द्वारा 'मध्यप्रदेश मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र नियोजन और विकास अधिनियम, 2025' को मंत्रिपरिषद से स्वीकृति भी मिल गई है। विकसित मध्यप्रदेश- 2047 के तहत प्रदेश का 2 ट्रिलियन इकोनॉमी का लक्ष्य है, जिसमें शहरी क्षेत्रों की भागीदारी महत्वपूर्ण रहेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल में मेट्रो ट्रेन का काम तेजी से चल रहा है। इंदौर में मेट्रो का संचालन प्रारंभ हो चुका है। अक्टूबर 2025 में भोपाल के एक कॉरिडोर पर मेट्रो संचालित होने जा रही है। सिंहस्थ-2028 के पहले ऐसी अनेक सुविधाएं विकसित की जाएंगी, जिनसे श्रद्धालु आसानी से और कम समय में श्रद्धा स्थलों तक पहुँच सकेंगे। प्रदेश में जनसामान्य के जीवन, स्वास्थ्य, संपत्ति एवं पर्यावरण की रक्षा हेतु एक सुदृढ़, उत्तरदायी एवं वैज्ञानिक आधार पर संचालित अग्नि एवं आपातकालीन सेवा तंत्र की स्थापना की जा रही है। जन परिवहन को सुगम और व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में हमारी सरकार ने नई ईवी पॉलिसी लागू की है। ईवी पॉलिसी के माध्यम से मध्यप्रदेश में जनसामान्य द्वारा ईवी को तेजी से अपनाना, सब्सिडी और शुल्क माफी के माध्यम से खरीदारों को लाभान्वित करना, चार्जिंग बुनियादी ढांचे, विनिर्माण और कौशल विकास के पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना है।

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश अग्नि एवं आपातकालीन सेवा अधिनियम, 2025 वर्तमान में नगरीकरण, औद्योगिकीकरण और जनसंख्या घनत्व में तीव्र वृद्धि के परिप्रेक्ष्य में अग्नि एवं आपात स्थितियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए एक व्यापक एवं सुसंगत अग्नि सेवाओं के सुव्यवस्थित नियमन, नियंत्रण, निरीक्षण, प्रशिक्षण, सुरक्षा प्रमाणीकरण तथा उत्तरदायित्व निर्धारण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। हमने स्थानीय निकायों को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी क्षमता बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र के व्यापक निवेश और भागीदारी के लिए योजना तैयार की है, जो आज की जरूरत भी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में भारत को विकसित देश के रूप में स्थापित करने के लिए हम सभी को मिल कर कार्य करना है, सरकार के प्रयासों के साथ निजी निवेशकों का सहयोग और सहभागिता अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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