मुंबई , नवंबर 18 -- एशियायी शेयर बाजारों में तेज गिरावट के बीच मंगलवार को स्थानीय बाजार में सटोरिया बिकवाली का दबाव बढ़ गया, जिससे प्रमुख सूचकांकों में बीएसई30 सेंसेक्स और निफ्टी50 में क्रमश: 0.33 प्रतिशत और 0.40 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गयी।
खास कर आईटी, बैंकिंग और वित्तीय सेवा क्षेत्र के शेयरों में बिकवाली का दबाव बढ़ने से सेंसेक्स 277.93 अंक गिर कर 84,673.02 और निफ्टी50 भी 103.40 अंक गिर कर 25,910.05 पर बंद हुआ। स्माल कैप तथा मिड कैप शेयरों में बिकवाली का जोर कुछ और बढ़ा हुआ था।
स्थानीय बाजार सुबह तेजी के साथ खुले थे, लेकिन एशियारी बाजारों में तेज गिरावट की रिपोर्टों को देखते हुए सटोरियों ने बिकवाली का दबाव बनाना शुरू कर दिया, जो बाजार बंद होने तक बना रहा। सेंसेक्स कल के बंद के स्तर 84,950.95 से ऊपर 85,042.37 पर खुला और दिन में ऊपर में 85,042.41 तथा नीचे में 84,558.36 तक गया था।
इसी तरह निफ्टी50 भी तेजी के साथ 26,021.80 पर खुल कर कुछ समय के लिए ऊपर में 26,029.85 तक चला गया था। दिन में यह टूट कर एक समय 25,876.50 तक चला गया था।
सेंसेक्स के 30 में से 23 शेयर हानि में बंद हुए। टेक महिंद्रा में सबसे अधिक 2.23 प्रतिशत की गिरावट रही। इन्फोसिस 1.46 प्रतिशत, बजाार फाइनेंस 1.6 प्रतिशत, बजाज फिनसर्व 1.25 प्रतिशत घट कर बंद हुए। टीसीएस, एचसीएल टेक, एल एंड टी, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एसबीआई , एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और हिंदुस्तान लीवर जैसे शेयरों में भी घाटा हुआ।
लाभ में रहे शेयरों में भारतीय एयरटेल 1.78 प्रतिशत, एक्सिस बैंक 1.27 प्रतिशत और एशियन पेंट्स में 0.54 प्रतिशत का लाभ हुआ। टाइटन, पावर ग्रिड , मारुति और रिलायंस इंडस्ट्रीज भी लाभ में बंद हुए।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में निफ्टी बैंक में 0.11 प्रतिशत, निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज में 0.36 प्रतिशत, एफएमसीजी में 0.56 प्रतिशत, निफ्टी आटो में 0.38 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी । व्यापक आधार वाला निफ्टी 100 0.45 प्रतिशत नीचे आ गया जबकि निफ्टी मिड कैप और स्माल कैप में क्रमश: 0.59 प्रतिशत और 1.05 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी।
एशियायी बाजारों में खास कर प्रौद्योगिकी शेयरों में बिकवाली के दबाव में जापान का निक्की तीन प्रतिशत टूट गया। दक्षिण कोरिया के कोस्पी में 3.3 प्रतिशत और हांग कांग के हांग सेन इंडेक्स में 1.67 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी। आस्टेलियाई बाजार दो प्रतिशत तक नीचे आ गये। यूरोपीय बाजारों में शुरुआती रुझान गिरावट का था।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, " हाल ही में आयी तेज़ी के बाद निवेशकों द्वारा मुनाफ़ा कमाने से घरेलू शेयर बाज़ार में गिरावट दर्ज की गयी, जो कमज़ोर वैश्विक धारणा का प्रतीक है। दिसंबर में अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें कम हो गयी हैं, जिससे धारणा पर असर पड़ा है। डॉलर की मजबूती के बीच आईटी, धातु और रियल्टी शेयरों में गिरावट आयी है, जबकि निजी बैंकों से बाजार को हल्का समर्थन दिखा है।" श्री नायर की राय में निवेशकों को अब अमेरिका में रोज़गार के अगले सप्ताह जारी होने वाले आंकड़ों का इंतज़ार है। ये आंकड़े वहां के संघीय बैंक फेडरल रिजर्व के नीतिगत दृष्टिकोण को प्रभावित करने के मामले में अहम माने जा रहे हैं। आगे चलकर बाजार भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की प्रगति को देख कर नयी गति पकड़ सकता है।
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