मुंबई , अक्टूबर 07 -- केन्द्रीय वित्त एवं कार्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि सरकार देश में वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) के काम में सहायक कारकों को मजबूत बना रही है और ये केंद्र आज अनुसंधान एवं विकास से लेकर फिनटेक तथा साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में नवाचार में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।

श्रीमती सीतारमण ने यहां ग्लोबल फिनटेक फेस्ट-2025 को संबोधित करते हुए कहा, "हम भारत में जीसीसी के कामकाज में सहायक चीजों को मजबूत कर रहे हैं, जिसमें उपयुक्त नीतिगत व्यवस्था तैयार करना भी शामिल है।"वित्त मंत्री ने कहा कि देश में 1,800 से अधिक जीसीसी भारत के प्रौद्योगिकी-संचालित नवाचार और प्रभाव के एक केंद्र के रूप में काम कर रहे हैं। ये केंद्र उल्लेखनीय परिवर्तन में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।

उन्होंने कहा, "भारत फिनटेक जीसीसी के लिए नवाचार को बढ़ावा देने का एक अद्वितीय अवसर प्रदान करता है क्योंकि हमारे पास एक समृद्ध प्रतिभा आधार और अनुकूल सरकारी नीतियां हैं।"श्रीमती सीतारमण ने कहा कि पिछले एक दशक में भारत का जीसीसी क्षेत्र का परिदृश्य कम लागत पर काम करने का लाभ प्रदान करने वाले केंद्रों से उठकर उच्च-स्तर के इंजीनियरिंग, अनुसंधान एवं विकास तथा विशेषकर बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा (बीएफएसआई) क्षेत्र में नवाचार के केंद्रों में बदल गया है।

उन्होंने कहा कि भारत में फिनटेक जीसीसी भुगतान प्रौद्योगिकी और साइबर सुरक्षा में नवाचार में अग्रणी हैं, जिसमें विसंगति का पता लगाना और धोखाधड़ी की रोकथाम शामिल है। भारत में जीसीसी उन्नत व्यापार और जोखिम-प्रबंधन प्रौद्योगिकियों का विकास भी कर रहे हैं।

देश के फिनटेक जीसीसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को नये डिजिटल वित्तीय उत्पादों को तेज़ी से प्रस्तुत करने, लागत में कमी और वैश्विक स्तर पर एआई-आधारित वित्तीय सेवाओं को लागू करने में मदद कर रहे हैं।

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