रांची, 08अक्टूबर (वार्ता) झारखंड में विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह का शुभारंभ किया गया।

यह कार्यक्रम आज से 17 अक्टूबर तक पूरे राज्य में चलाया जाएगा।

कार्यक्रम का आयोजन आईपीएच प्रेक्षागृह,नामकुम में किया गया।

शशि प्रकाश झा, अभियान निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

श्री झा ने अपने उद्घाटन संबोधन में कहा कि आज के भाग दौड़ के जिंदगी में लोग अपने लिए समय ही नहीं निकल पा रहे हैं और रेस की तरह भागे जा रहे हैं। आज लोगो में नेगेटिविट कभी ज्यादा बढ़ता जा रहा है। लोगो के चेहरे देखने से लगता है, कि लोग कितने तनाव में है। एक तम्बाकू खाने वाले से पूछिए वह अभी तक तम्बाकू खाने में कितना पैसा खर्च किया है।अगर उस पूरे पैसे को जोड़े तो उस पैसे से वह एक घर बना लेता।

श्री झा ने ने प्रतिभागियों से कहा कि आप अपने सोच को आज के इस व्यस्त माहौल में पॉजिटिव रखें। आप अगर पॉजिटिव रहेंगे, तो आपके आस पास का माहौल भी वैसा ही पॉजिटिव होगा।

शशि प्रकाश झा, अभियान निदेशक ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग मेंटल स्वास्थ्य पर कार्य कर रहा है। सभी जिलों में मेंटल स्वास्थ्य के लिए अलग से अस्पताल में केन्द्र स्थापित किया गया और डॉक्टर व काउंसलर नियुक्त किया गया है और किया जा रहा है। हम सबको इस पर मिलकर कार्य करने की जरूरत है। जिससे अपने समाज में लोगो को मानसिक शांति बनाए रखने में मदद मिल सके।

डॉ. सिद्धार्थ सान्याल, निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएं ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज लोग अलग अलग रहते हैं ,जिससे लोगों का आपस में जुड़ाव नहीं होता है। इससे समाज में लोगो को मानसिक रूप से ज्यादा समस्या का सामना करना पड़ता है। यह मानसिक तनाव दिखता नहीं है और लोग इसको समझ नहीं पाते हैं।

निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएं ने कहा कि हमारे बीच से अन्य बीमारी कम होती जा रही है।जैसे टीबी, मलेरिया पर आज मानसिक बीमारी बढ़ती जा रही है। डॉ सान्याल ने जोर दे कर कहा कि मेडिकल,मेंटल और सोशल वेलनेस पर अब अधिक कम करने की जरूरत है।

मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह कार्यक्रम में डॉ. अश्वनी कुमार अपने स्वागत संबोधन में कहा कि पूरे राज्य में स्वास्थ्य विभाग मानसिक स्वास्थ्य पर जिलों में कार्य कर रही है। मानसिक स्वास्थ्य पर सबको मिलकर काम करने की बात भी कहा।

डॉ. प्रीथा राय, साइकियाट्रिस्ट टेली मानस ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य के कार्यस्थल पर ऐसा वातावरण तैयार करने की जरूरत है कि स्ट्रेस से बच सके और कार्य के कारण बर्नआउट ना सके।

शांतना, कंसलटेंट मेंटल स्वास्थ्य में कहा कि पूरे दुनिया में 15 प्रतिशत लोग मेंटल डिसऑर्डर से ग्रसित हैं। लोगो आपस में कम्युनिकेशन कम करते जा रहे है। आपस में बाते नहीं करते, खुद को अकेले रखते है। ये सब आज कल लोगो के जीवन को प्रभावित कर रहा है। लोग मानसिक तनाव से पीड़ित होते जा रहे हैं।

इस कार्यक्रम में ब्रह्मा कुमारी, डॉ. मधुमिता, डॉ. पी के सिंह, प्रोफेसर रिनपास,डॉ. लाल मांझी,नोडल ऑफिसर आईसी, डॉ. पाठक, नोडल ऑफिसर, शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम, डॉ. पंकज, नोडल ऑफिसर ब्लाइंडनेस, डॉ . रणजीत, नोडल ऑफिसर क्वालिटी,विभिन्न सेल के कंसल्टेंट,जिलों से कार्यक्रम प्रबंधक, प्रखण्ड से कार्यक्रम प्रबंधक लगभग 120 लोगो ने भाग लिया।

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