नयी दिल्ली , अक्टूबर 12 -- चेन्नई की फर्म विनट्रैक के प्रकण में राजस्व विभाग द्वारा की गयी प्रारंभिक तथ्यात्मक जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई शुरू करते हुए विजलेंस जांच शुरू कर चेन्नई में सीमाशुल्क विभाग के कई अधिकारियों को दूसरी जगह भेज दिया गया है और एक दलाल का सीमा शुल्क लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है।
अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने कहा है कि इस मामले की आगे की सतर्कता विभाग द्वारा जांच विधिवत शुरू करा दी गयी है। इसकी रिपोर्ट 4-6 सप्ताह में आने की उम्मीद है, उसके बाद आगे की कार्रवाई की जा सकती है। आयात निर्यात करने वाली चेन्नई की कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गांधी जयंती के एक दिन पहले एक बयान में सीमा शुल्क विभाग की चेन्नई टीम पर भ्रष्टाचार और दुर्व्यवहार के गंभीर आरोप लगाते हुए कारोबार बंद करने की धमकी दी थी। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने राजस्व विभाग से तथ्यों का पता लगाने को कहा था। सही जांच में प्रथम दृष्टया कई गड़बड़िया सामने आयी हैं।
सीबीआईसी ने कहा है, 'मेसर्स विनट्रैक इंक द्वारा चेन्नई सीमा शुल्क में अनियमितताओं के आरोपों पर राजस्व विभाग की जाँच रिपोर्ट में आयातक के अपने एजेंटों द्वारा धोखाधड़ी और निजी धोखाधड़ी की संभावना का संकेत दिया गया है।' एजेंसी ने कहा कि उसने राजस्व विभाग की रिपोर्ट के निष्कर्षों के आधार पर गहन जाँच शुरू कर दी है। इसकी रिपोर्ट 4-6 सप्ताह में मिल सकती है।
जाँच को विश्वसनीय और निष्पक्ष बनाने के लिए सीबीआईसी ने राजस्व विभाग की रिपोर्ट के निष्कर्षों के मद्देजनर कुछ अधिकारियों को उनकी उनकी वर्तमान जिम्मेदारियों से मुक्त कर बाहर तैनात कर दिया है। विभाग ने कहा है, " इस रिपोर्ट में आयातक के अपने एजेंटों और बिचौलियों की धोखाधड़ी और निजी धोखाधड़ी की संभावना का भी संकेत मिलता है।" सीबीआईसी ने रिपोर्ट में नामित सीमा शुल्क ब्रोकिंग एजेंट (सीमाशुल्क दलाल) का लाइसेंस सतर्कता जाँच की रिपोर्ट के नतीजे निकलने तक निलंबित कर दिया गया है तथा कुछ अनधिकृत बिचौलियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज की गई है। सीबीआईसी ने कहा है कि सीमा शुल्क के खर्चे पर तैनात अधिकारों की परिचालन व्यवस्था में सुधारा के उपाय करने के लिए बोर्ड के सदस्य (सीमा शुल्क) के अधीन एक कार्यबल का गठन किया जा रहा है। यह कार्यबल छोटी मझोली इकाइयों और छोटे पैमाने के आयातकों पर विशेष ध्यान देते हुए, नियमों के सुसंगत, पारदर्शी और कानूनी रूप से सही अनुप्रयोग को सुनिश्चित करने के लिए सभी लंबित मामलों की व्यापक समीक्षा करेगा।
ये उपाय शिकायतकर्ताओं के खिलाफ अधिकार के दुरुपयोग या प्रतिशोध को रोकने, फेसलेस मूल्यांकन में गुमनामी सुनिश्चित करने, अधिकृत सीएचए तक सीमा शुल्क कार्यालयों की पहुँच को प्रतिबंधित करने, शिकायत निवारण प्रणालियों को मजबूत करने और सीमा शुल्क पोर्टलों के माध्यम से अपडेट को सार्वजनिक रूप से प्रकट करने पर भी केंद्रित होंगे।
गौरतलब है कि पहली अक्टूबर को विनट्रैक इंक ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा था कि वह चेन्नई के सीमा शुल्क अधिकारियों द्वारा उत्पीड़न के कारण भारत से आयात और निर्यात संचालन बंद कर देगी।कंपनी ने कहा था कि पिछले 45 दिनों से, चेन्नई कस्टम्स के अधिकारी उन्हें लगातार परेशान कर रहे थे। पोस्ट में कहा गया था कि इस साल दो बार विभाग में रिश्वतखोरी का पर्दाफाश करने के बाद, अधिकारियों के प्रतिशोध ने कंपनी के कारोबार की राह में बाधाएं खड़ी कीं जिससे उनका भारत में व्यवसाय बर्बाद हो गया।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित