नई दिल्ली , नवंबर 14 -- व्यक्तियों की डिजिटलीकृत सूचनाओं के संरक्षण और उपयोग को विनियमित करने वाले डिजिटल व्यक्तिगत-डेटा संरक्षण (डीपीडीपी) अधिनियम 2023 को सरकार ने इसके पारित होने के दो साल बाद आज अधिसूचित करते हुए इसे लागू कर दिया1इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रसारण मंत्रालय ने इसे लागू करने के लिए संबंधित नियमावली भी जारी कर दी है तथा चार सदस्यीय डिजिटल व्यक्तिगत डाटा संरक्षण बोर्ड (डीपीबी) का भी गठन कर दिया गया है। लम्बी बहस के बाद देश में पहली बार डिजिटल गोपनीयता कानून लागू हो रहा है।
इस अधिनियम में व्यक्ति को अपने निजी डिजिटलीकृत डेटा की सुरक्षा का अधिकार देने के साथ साथ ऐसे डाटा का वैध उद्देश्यों के लिए प्रसंस्करण किये जाने को भी काूननी मान्यता दी गयी है। नए नियमों के तहत कंपनियों और अन्य हितधारकों को अधिनियम के तहत प्रशासनिक दिशानिर्देशों का अनुपालन करने के लिए 18 महीने तक का समय दिया गया। कंसेट मैनेजरों (सहमति प्रबंधकों) को पंजीकरण कराने के लिए 12 माह का समय दिया गया है। सहमति प्रबंधक डिजिटल प्लेटफार्मों के उपयोगकर्ताओं की ओर से कार्य करते हैं।
इन नियमों के लागू होने के साथ, सोशल मीडिया और इंटरनेट मध्यस्थों, और उपयोगकर्ता डेटा का कारोबार करने वाली किसी भी अन्य कंपनी को डेटा प्रिंसिपल अर्थात उपयोगकर्ता का डाटा प्रसंस्करण हेतु देने के लिए उसका पूरा विवरण देते हुए उसके लिए सहमति लेनी होगी।
इन नियमों में डिजिटल मध्यस्थों को उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवा की प्रकृति के आधार पर वर्गीकृत किया गया है। ऐसे माध्यमों के लिए अलग-अलग समय-सीमाएँ भी निर्धारित की हैं जिनके अनुसार इन प्लेटफ़ॉर्म को उपयोगकर्ता के व्यक्तिगत डेटा को हटाना होगा। यदि किसी वर्तमान में लागू किसी भी कानून के अनुपालन के लिए ऐसे डाटा को अधिक समय तक रखना जरूरी है तो उन्हें उसके अनुसार उसको अपने पास सुरक्षित रखना होगा।
कंपनियों के लिए यह जरूरी होगा कि वे उपयोगकर्ताओं को व्यक्तिगत डेटा के प्रसंस्करण के लिए अपनी सहमति आसानी से वापस लेने का मौका दें । उपयोगकर्ता को ऐसे डिजिटल प्लेटफार्मों के खिलाफ डाटा सुरक्षा के मुद्दे पर डिजिटल डेटा संरक्षण बोर्ड में शिकायत दर्ज करने की भी छूट होगी।
सहमति प्रबंधक के रूप में कार्य करने के लिए डिजिटल डेटा संरक्षण बोर्ड के समक्ष पंजीकरण के लिए आवेदन करना होगा। उन्हें काम के दौरान समय-समय पर बोर्ड की शर्तों और निर्देशों को पूरा करना होगा। नियम कानून का उल्लंघन करने पर ऐसे प्रबंधकों का पंजीकरण निलंबित भी किया जा सकता है।
बोर्ड पूरी तरह डिजिटल रूप से संचालित होगा और इसका मुख्यालय नई दिल्ली में होगा। चार सदस्यीय बोर्ड में एक अध्यक्ष होगा। किसी भी डेटा उल्लंघन की स्थिति में, डेटा न्यासी को उल्लंघन की जानकारी मिलने पर 72 घंटों के भीतर उपयोगकर्ता के साथ-साथ बोर्ड को भी सूचित करना होगा।
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