, Oct. 19 -- रंगोली डिजाइन बनाने की परंपरा बहुत पुराने समय से है। इसका मुख्य उद्देश्य सजावट तो होता ही है साथ ही इससे घर में सौभाग्य आता है और घर आने वाले मेहमान भी सजावट देखकर प्रसन्न होते हैं। घर की महिलाएं रंगोली बनाने का काम करती हैं। दीपावली के दिन तो उनका उत्साह देखने लायक होता है। विवाह हो, त्योहार हो या फिर कोई भी शुभ मुहूर्त हो रंगोली हर घर में बनाई जाती है। दीवाली पर हर घर में रंगोली बनाई जाती है।आज के समय में रंगोली बनाना बहुत आसान हो गया है।

शुभ मौके पर घर के द्वार पर रंगोली सजाना भारतीय संस्कृति का एक अहम हिस्सा है और हमें हमारे वास्तविक रीति रिवाजों से बांधे रखती है। प्रायः प्रत्येक घर के सामने दीवाली के दिन रंग-बिरंगी रंगोली देखने को मिलती है। रंगोली घर की सुंदरता को बढ़ाती है। आदि काल से चली आ रही इस परंपरा का अस्तित्व आज भी कायम है। पहले विभिन्न रंगों से घर-आंगन में रंगोली सजाई जाती थी, लेकिन वर्तमान में आधुनिक चकाचौंध में परम्परागत रंगोली की कद्र घटती जा रही है। लोग आजकल रेडिमेड रंगोली लाकर घरों को सजा रहे हैं।

ग्रामीण क्षेत्र के कई घरों में आज भी यह परंपरा कायम है तथा दीवाली पर घरों में अलग-अलग प्रकार की रंगोली बनाकर पूजा की जाती है। बाजार में आजकल तो रेडिमेड विभिन्न प्रकार की रंगोली आसानी मिल जाती है। यह सामान्य से थोड़ी अलग दिखने वाली डिजाइन है। जिसमें आठ कोण होते है। इसमें सफेद रंग का प्रयोग बहुत ही खूबसूरती से किया गया है, जो रंगोली के डिजाइन को उभारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। बीच में हरे रंग के अलावा विभिन्न रंगों का इस्तेमाल किया गया है।

पहले के समय में जहां खुद ही चावल या बुरादा रंगना पड़ता था वहीं आज सब कुछ रेडिमेड मिल जाता है। हमें सिर्फ अपनी पसंद के रंग चुनने हैं। जिन लोगों को अब तक ये शिकायत हुआ करती थी कि उन्हें रंगोली नहीं बनानी आती, उनके लिए भी बाजार में स्टेंसिल मौजूद हैं। अलग-अलग डिजाइन में उपलब्ध स्टेंसिल में सिर्फ रंग भरकर आप एक खूबसूरत रंगोली बना सकते हैं।

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