रांची , नवम्बर 17 -- झारखंड की राजधानी रांची के नामकोम स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद एवं राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्थान नामकुम के पलाश सभागार में 7 दिवसीय मास्टर ट्रेनर्स प्रशिक्षण का आज समापन हो गया।

इस समारोह में राज्य की कृषि , पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की शामिल हुई। सिद्धको फेड की पहल पर सरायकेला - खरसावां और चाईबासा जिला के 200 किसानों को लाह की खेती के लिए मास्टर ट्रेनिंग दी गई। मास्टर ट्रेनिंग पाने वाले किसानों को मंत्री के हाथों प्रमाण पत्र मिला। इस दौरान किसानों का आत्म विश्वास उनके चेहरे पर झलक रहा था।

समापन समारोह के मौका पर एनआईएसए और सिद्धको फेड के बीच एमओऊ हुआ . जो भविष्य में लाह उत्पादन को बढ़ावा देने में तकनीकी मार्ग दर्शन में कारगर साबित होगा।

इस मौके पर श्रीमती तिर्की ने कहा कि झारखंड में किसानों के सहयोग से एक दुरुस्त इको सिस्टम बनाना है। सरकार फिलहाल सहयोग की भूमिका में है। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं की झारखंड के लिए लाह की खेती कोई नई उत्पाद है , बल्कि आदिवासी परंपरागत तौर पर बहुत पहले से जुड़े हुए है। आज जरूरत मॉडर्न तकनीक के साथ इस दिशा में कदम बढ़ाने की है .श्रीमती तिर्की ने कहा कि लाह की मांग अब देश तक ही सीमित नहीं रही, अब तो विदेशों में भी लाह की मांग तेजी से बढ़ रही है. अगर आपका उत्पाद बेहतर होगा , तो आपके उत्पाद का बाजार मूल्य भी बढ़ेगा। गांव - पंचायत को अगर कलस्टर के तौर पर विकसित कर लाह के क्षेत्र में काम किया जाए , तो लाह के उत्पादन में झारखंड की नई पहचान बनेगी। उन्होंने कहा कि लाह के उत्पादन से जुड़ कर कई किसानों के जीवन में बड़ा बदलाव पहले ही आ चुका है।

मास्टर ट्रेनर्स के इस प्रशिक्षण से लाह उत्पादन से जुड़े किसानों का बड़ा फायदा होने जा रहा है। इस क्रम में मंत्री ने प्रशिक्षण पाने वाले किसानों से जानकारी भी ली। इस मौके पर निदेशक अभिजीत कर , सिद्धको फेड सचिव राकेश कुमार सिंह , झास्को लैंपफ एम डी प्रकाश कुमार भी मौजूद थे।

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