आइज़ोल , नवंबर 06 -- मिज़ोरम की समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास मंत्री लालरिनपुई ने गुरुवार को प्रदेश भर में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं में तेज़ी से वृद्धि पर चिंता व्यक्त की और लिंग आधारित हिंसा से निपटने के लिए सामूहिक प्रयासों का आह्वान किया।
सुश्री लालरिनपुई ने आइज़ोल स्थित अपने कार्यालय में लिंग आधारित हिंसा (जीबीवी) समाधान परियोजना का उद्घाटन करने के बाद कहा कि इस समस्या पर सरकार और समाज दोनों को गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है। जीबीवी समाधान परियोजना अपराजिता और जे-पाल साउथ एशिया की एक संयुक्त पहल है, जिसे मिशन फाउंडेशन मूवमेंट (एमएफएम) द्वारा मिज़ोरम में लागू किया जाएगा। उन्होंने हाल के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि मिज़ोरम में महिला हेल्पलाइन ने 2022-2023 में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के 3,094 मामले दर्ज किए, जो इस साल फरवरी तक नाटकीय रूप से बढ़कर 12,750 हो गए।
सुश्री लालरिनपुई ने कहा, "अगर महिलाएँ सशक्त होती हैं, तो परिवार मज़बूत होते हैं और अंततः यही हमारे समाज की प्रगति को गति देता है।" उन्होंने कहा कि जीबीवी सॉल्व परियोजना न केवल महिलाओं के विरुद्ध हिंसा से निपटेगी, बल्कि लड़कों और लड़कियों दोनों को लैंगिक समानता के बारे में शिक्षित करने का काम भी करेगी। इस पहल में महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने के उद्देश्य से कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शामिल होंगे।
कार्यक्रम में उपस्थित अपराजिता और जे-पाल दक्षिण एशिया के प्रतिनिधियों ने बताया कि गरीबी उन्मूलन में अपने शोध के लिए प्रसिद्ध जे-पाल ने दो वर्षों के समर्पित अध्ययन के बाद लैंगिक हिंसा को अपने प्रमुख फोकस क्षेत्रों में से एक के रूप में पहचाना है।
प्रतिनिधियों के अनुसार पूरे भारत से जीबीवी सॉल्व परियोजना के तहत 470 से अधिक प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें से केवल छह संगठनों जिनमें मिज़ोरम का मिशन फाउंडेशन मूवमेंट भी शामिल है, को कार्यान्वयन के लिए चुना गया। राज्य में एमएफएम महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ साझेदारी में काम करेगा और मुख्य रूप से आइज़ोल जिले की महिलाओं पर ध्यान केंद्रित करेगा।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित