नयी दिल्ली , नवंबर 22 -- रेलवे ने माल ढुलाई में उल्लेखनीय प्रगति करते हुए एक अरब टन माल ढुलाई का आंकड़ा पार कर देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

अपनी इस उपलब्धि का आंकड़ा देते हुए रेलवे ने बताया कि उसका माल ढुलाई प्रदर्शन देश के आर्थिक ढांचे को मजबूत कर रहा है और 19 नवंबर तक उसकी माल ढुलाई क्षमता 1.020 अरब टन तक पहुंच गई है।

आधिकारिक सूचना के अनुसार रेलवे का आधार कोयला, लौह अयस्क, सीमेंट और कंटेनर लोडिंग में मजबूत है और इसी के कारण उसने माल ढुलाई में यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। रेलवे का कहना है कि उसकी दैनिक माल ढुलाई क्षमता में लगातार सुधार हो रहा है और प्रतिदिन माल ढुलाई क्षमता 40.4 टन पहुंच गई है जो पिछले वर्ष के स्तर से अधिक है।

भारतीय रेल का यह भी दावा है कि बल्क कार्गो स्थानांतरित करने से उत्सर्जन में कमी आई है। रेलवे की माल ढुलाई क्षमता बढ़ाने से राजमार्गों पर भीड़ कम हुई तथा हरित, लागत-कुशल लॉजिस्टिक्स विकल्प उपलब्ध हुए हैं जिससे उद्यमियों और उपभोक्ता दोनों को लाभ हुआ है।

बुनियादी ढांचे के विकास में सीमेंट की महत्वपूर्ण भूमिका को समझते हुए, रेलवे ने इस क्षेत्र की रसद क्षमताओं को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। हाल ही में लागू व्यापक सुधार में बल्क सीमेंट टर्मिनलों के लिए नीति और कंटेनरों में बल्क सीमेंट लाने जाने के लिए तर्कसंगत दरें शामिल हैं, सीमेंट परिवहन के आधुनिकीकरण की एक रणनीतिक पहल का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन उपायों का उद्देश्य बल्क हैंडलिंग क्षमता बढ़ाना, पारगमन समय और रसद लागत कम करना है, जिससे उद्यमियों और अंतिम छोर के उपभोक्ता, दोनों को सीधा लाभ होगा और साथ ही आपूर्ति श्रृंखला में दक्षता बढ़ेगी।

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