नयी दिल्ली , अक्टूबर 06 -- एयरटेल भारतीय रेलवे के डाटाबेस के लिए नये सिरे से एक बहुस्तरीय साइबर सुरक्षा ढांचा तैयार करेगी ताकि यात्रियों की पहचान, उनके भुगतान के विवरण तथा टिकटिंग, माल ढुलाई और सिग्नलिंग से संबंधित संवेदनशील डाटा की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

एयरटेल बिजनेस को रेलवे के डाटाबेस की साइबर सुरक्षा के लिए भारतीय रेलवे सुरक्षा परिचालन केंद्र (आईआरएसओसी) से एक बहु-वर्षीय अनुबंध मिला है।

कंपनी ने सोमवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि रेलवे प्रतिदिन 13 हजार से अधिक ट्रेनों का संचालन करती है जिसमें दो करोड़ से अधिक यात्री सफर करते हैं। रोजाना लाखों की संख्या में ट्रांजेक्शन होते हैं और ट्रेनों में हर साल 1.5 अरब टन से अधिक माल की ढुलाई होती है। इन सब गतिविधियों से बहुत बड़े पैमाने पर डाटा भी सृजित होता है जिसकी सुरक्षा जरूरी है।

एयरटेल बिजनेस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और निदेशक शरत सिन्हा ने कहा, " आज के समय में जब बढ़ते साइबर जोखिम परिचालन निरंतरता, डाटा की अक्षुण्णता और यात्री सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते हैं, उन्नत सुरक्षा तंत्र एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हमें विशाल रेलवे नेटवर्क और डाटाबेस वाले देश के सबसे जटिल और वृहत डिजिटल बुनियादी ढांचे की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए आईआरएसओसी द्वारा विश्वसनीय भागीदार के रूप में चुने जाने पर गर्व है।"रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक (सूचना एवं प्रसार) दिलीप कुमार ने कहा कि परिसंपत्तियों के संचालन, रखरखाव, उत्पादन और खरीद के लिए डिजिटल सूचना और संचार तकनीकों पर बढ़ती निर्भरता के कारण साइबर सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है। आईआरएसओसी की स्थापना से भारतीय रेलवे की परिसंपत्तियों की निरंतर निगरानी, साइबर सुरक्षा खतरों का कुशलतापूर्वक पता लगाने और उस पर कार्रवाई करने, खतरे की खुफिया जानकारी एकत्र करने और राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा एजेंसियों के साथ उचित सहयोग सुनिश्चित करने के लिए एक केंद्रीकृत सुरक्षा संचालन केंद्र बनाने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित परिसंपत्तियों के संचालन और रखरखाव को सुव्यवस्थित करने से सेवा वितरण में सुधार होगा और निर्बाध सेवायें प्रदान करके यात्रियों के हितों की रक्षा होगी।

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