पटना, सितंबर 25 -- बिहार की राजधानी पटना स्थित एक विशेष अदालत ने रिश्वत लेने के जुर्म में गुरूवार को पटना सिविल सर्जन कार्यालय के एक पूर्व लिपिक को एक वर्ष के सश्रम कारावास की सजा के साथ 20 हजार रुपए का जुर्माना भी किया।
निगरानी के विशेष न्यायाधीश मोहम्मद रुस्तम ने मामले में सुनवाई के बाद पटना सिविल सर्जन कार्यालय के पूर्व लिपिक चौधरी नागमणि को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं में दोषी करार देने के बाद यह सजा सुनाई है। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर दोषी को एक माह के कारावास की सजा अलग से भुगतनी होगी ।
मामले के विशेष लोक अभियोजक विजय भानु उर्फ पुट्टु बाबू ने बताया कि ब्यूरो के अधिकारियों ने वर्ष 2011 में दोषी लिपिक को एक एएनएम से उसका वेतन आदेश जारी करने के एवज में पांच हजार रूपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। अभियोजन ने आरोप साबित करने के लिए इस मामले में कुल 10 गवाहों का बयान अदालत में कलम बंद करवाया था।
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