रांची, 09अक्टूबर(वार्ता) झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) की गवर्निंग बॉडी की बैठक गुरुवार को रिटायर्ड जस्टिस अमरेश्वर सहाय की मौजूदगी में आयोजित हुई।
इस बैठक में अस्पताल की बेहतर व्यवस्थाओं और मरीजों तथा कर्मचारियों के हित में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। सबसे प्रमुख निर्णय यह था कि रिम्स में इलाज के दौरान यदि किसी मरीज की मौत होती है तो उसके परिजनों को अस्पताल परिसर में ही यूपीआई के माध्यम से तत्काल 5 हजार रुपये सहायता राशि के रूप में दी जाएगी।
इस योजना के तहत अब पहले की तुलना में भुगतान प्रक्रिया बेहद तेज और कारगर होगी। अस्पताल प्रशासन के मुताबिक इस योजना पर सालाना 7 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है, जिससे परिजनों को अंतिम संस्कार में मदद मिलेगी तथा धनराशि तुरंत उपलब्ध होगी।
शवों को घर तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए मोक्ष वाहन की कमी को पूरा करने के उद्देश्य से 5 मोक्ष वाहन तत्काल खरीदे जाएंगे। स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक में बताया कि अस्पताल में अक्सर मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों से रेफर किया जाता है, जहां से गंभीर स्थिति में आने वाले मरीजों की मौत हो जाती है और शवों को ले जाने में परेशानी होती है। नए मोक्ष वाहनों की खरीदारी से इस समस्या का निदान होगा और शवों को समय पर उनके घर तक पहुंचाने में सहायता मिलेगी। साथ ही, पुराने मोक्ष वाहनों की सुविधा भी निरंतर जारी रहेगी।
मेडिकल कर्मचारियों के लिए भी सैलरी बढ़ाने का महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है। विशेष रूप से रिम्स में कार्यरत एएनएम और जीएनएम नर्सिंग स्टाफ की वेतन वृद्धि को मंजूरी दी गई है, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार होगा। इसके साथ ही इंटर्नशिप कर रहे एमबीबीएस और बीडीएस मेडिकल छात्रों के स्टाइपेंड को भी बढ़ाकर 30 हजार रुपये मासिक करने का निर्णय लिया गया है, जो अब एम्स जैसी शीर्ष संस्थानों के समान होगा। इस प्रस्ताव को लंबे समय से कर्मचारियों और छात्रों द्वारा मांगा जा रहा था।
शिक्षा विभाग में एमबीबीएस की सीटें वर्तमान में 180 हैं, जिन्हें बढ़ाकर 250 करने के लिए रिम्स ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) को आवेदन दिया था जिसे पहले रिजेक्ट किया गया था, लेकिन अब पुनः अपील दायर की गई है। इसके अलावा सुपर स्पेशलिटी विभाग में भी सुविधाओं का विस्तार करते हुए चार अतिरिक्त सीटें बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इससे अस्पताल में इलाज और मेडिकल शिक्षा दोनों क्षेत्र में सुधार होगा।
रीजनल आप्थाल्मिक सेंटर में स्टाफ की नियुक्ति के लिए भी कार्मिक विभाग के माध्यम से रोस्टर क्लियरेंस का प्रस्ताव भेजा गया है, जिसके बाद नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
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