सुलतानपुर , नवंबर 08 -- उत्तर प्रदेश के कबीना मंत्री संजय निषाद ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि हम मछली डाल रहे हैं, वह पकड़ रहे हैं लेकिन निषाद जाल में नहीं आएंगे।

जिले की सदर विधानसभा विधायक राज बाबू उपाध्याय ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना अंतर्गत राष्ट्रीय मत्स्यिकी विकास बोर्ड हैदराबाद की ओर से गोमती नदी के दियराघाट पर रिवर रैचिंग कार्यक्रम में विधि-विधान के साथ नदी में दो लाख मछली के बीच छोड़े।

इस बीच सुलतानपुर के लंभुआ तहसील अंतर्गत गोथूआ जागीपुर में दो दिवसीय रोजगार मेले में पहुंचे उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री डॉ. संजय निषाद ने मीडिया से बातचीत के दौरान राहुल गांधी के बिहार में मछुआरों के साथ नदी में उतरने पर तंज कसा और कहा " हम मछली डाल रहे हैं, वह मछली पकड़ रहे हैं। अभी कौन सी मछली पकड़ रहे हैं, इनके जाल में निषाद नहीं आने वाला है।" उन्होंने कहा कि पहले निषाद समुदाय के वोट 'पव्वा पिलाकर' लिए जाते थे, लेकिन अब देश में निषाद पार्टी खड़ी हो गई है।

मंत्री ने अपनी पार्टी के भाजपा के साथ गठबंधन पर भी बात की। उन्होंने कहा, " बड़े भाई भारतीय जनता पार्टी है। हम दोनों बैठकर तय करते हैं कि जहां भारतीय जनता पार्टी जीतती है, वहां उन्हें जिताते हैं और जहां निषाद पार्टी जीतती है, वहां उन्हें।"उन्होंने 'पीडीए' (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) शब्द पर भी टिप्पणी की। डॉ. निषाद के अनुसार, पीडीए का अर्थ 'पीड़ित अपमानित' होता है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग सत्ता से बाहर होकर ही पिछड़ों को देखते हैं, जबकि सत्ता में रहते हुए उन्हें पिछड़ा वर्ग दिखाई नहीं देता। उन्होंने कहा कि जनता सब देख रही है और वही न्याय करेगी।

अखिलेश यादव द्वारा स्वास्थ्य व्यवस्था पर की गई टिप्पणियों का जवाब देते हुए डॉ. निषाद ने कहा कि पहले लोग अस्पतालों में 'नाक बंद करके' जाते थे, लेकिन अब शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की स्थिति में सुधार हुआ है। उन्होंने दावा किया कि वर्तमान सरकार अपने वादे पूरे कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछली सरकारों ने पिछड़ों का नाम तो लिया, लेकिन उनके लिए काम नहीं किया, जबकि उच्च शिक्षा में पिछड़ों के बेहतर परिणाम मोदी सरकार की देन हैं।

उन्होंने मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर भी बात की। डॉ. निषाद ने कहा कि यदि किसी का वोट गलत तरीके से कट रहा है, तो उसे कोर्ट जाना चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि 'मरा हुआ आदमी वोट कैसे डालेगा' और कहा कि लोकतंत्र में संवैधानिक एजेंसियों को सुझाव दिया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई गलती है, तो उसकी जांच होनी चाहिए और मृत व्यक्तियों, युवाओं या बाहर के लोगों के नाम सूची से काटे जाने चाहिए।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित