चंडीगढ़ , नवंबर 17 -- हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा है कि राष्ट्र की प्रगति के लिए राज्यों का आपसी सहयोग आवश्यक है।
श्री सैनी ने सोमवार को हरियाणा के सूरजकुंड में आयोजित उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 32वीं बैठक में कहा कि संसाधनों, ज्ञान और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करके ही 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' के विजन को साकार किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि हरियाणा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'विकसित भारत एट2047' संकल्प के अनुरूप कई सफल कदम उठाये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा लगातार दिल्ली को अपने हिस्से से अधिक पानी दे रहा है, जबकि एसवाईएल नहर निर्माण के अभाव में पंजाब से उसका वैधानिक हिस्सा नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने पंजाब से जल विवादों पर चर्चा करते समय गुरुओं की महान परंपराओं को याद रखने का आग्रह किया और कहा कि जल एक साझा संसाधन है, जिसकी स्वच्छता और उपलब्धता की जिम्मेदारी सभी राज्यों की है।
श्री सैनी ने सुझाव दिया कि यदि हरियाणा के कुछ कॉलेज पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से संबद्ध हो जाते हैं, तो इससे विश्वविद्यालय और प्रदेश के छात्रों दोनों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि हर नागरिक को किफायती उपचार उपलब्ध कराने के लिए चिरायु योजना को आयुष्मान भारत योजना से जोड़कर मजबूत किया गया है। नये आपराधिक कानूनों के लागू होने से पॉक्सो मामलों के निपटारे में तेजी आयी है।
उन्होंने बताया कि सरकार ने संकल्प पत्र के 217 वादों में से 47 को एक वर्ष में पूरा किया है। 'दीन दयाल लाडो लक्ष्मी' ऐप लॉन्च करने और 5,22,162 महिला लाभार्थियों को 2,100 रुपये की राशि स्थानांतरित करने का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि अब तक 8.05 लाख आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।
श्री सैनी ने कहा कि हरियाणा ने सभी एजेंडा बिंदुओं पर विस्तृत टिप्पणियां दी हैं, और उम्मीद जतायी कि इस बैठक से सहकारी संघवाद को नयी दिशा मिलेगी तथा अंतर-राज्यीय मुद्दों के समाधान में सहमति बनेगी।
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