नयी दिल्ली, सितंबर 25 -- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 26 सितंबर (शुक्रवार) को राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार (एनजीए) 2024 प्रदान करेंगी। इस अवसर पर केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी और कोयला एवं खान राज्यमंत्री सतीश चंद्र दुबे भी मौजूद रहेंगे।

आधिकारिक सूचना के अनुसार भारत सरकार के खान मंत्रालय द्वारा 1966 में स्थापित राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार (जिसे 2009 तक राष्ट्रीय खनिज पुरस्कार के रूप में जाना जाता था) भूविज्ञान के क्षेत्र में देश के सबसे पुराने एवं प्रतिष्ठित सम्मानों में से एक है।

इन पुरस्कारों का उद्देश्य खनिज की खोज एवं अन्वेषण, खनन प्रौद्योगिकी एवं खनिज संवर्धन, मौलिक/अनुप्रयुक्त भूविज्ञान जैसे भूविज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियों और उत्कृष्ट योगदान के लिए व्यक्तियों और टीमों को सम्मानित करना है। खान मंत्रालय प्रतिवर्ष तीन श्रेणियों आजीवन उपलब्धि के लिए राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार, राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार और राष्ट्रीय युवा भूवैज्ञानिक पुरस्कार प्रदान करता है।

वर्ष 2024 के लिए प्राप्त कुल 208 नामांकन में से तीन पुरस्कार श्रेणियों के अंतर्गत 12 पुरस्कारों को अंतिम रूप दिया गया है। इनमें 9 व्यक्तिगत और 3 टीम पुरस्कार शामिल हैं। यह पुरस्कार 20 भूवैज्ञानिकों को प्रदान किए जायेंगे।

भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (आईएनएसए) के वरिष्ठ वैज्ञानिक और आईआईएसईआर, पुणे के अतिथि प्राध्यापक (विजिटिंग प्रोफेसर) प्रोफेसर श्याम सुंदर राय को भूविज्ञान में उनके अनुकरणीय करियर और योगदानों के लिए आजीवन उपलब्धि के लिए राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।

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