कोटा , नवम्बर 06 -- राजस्थान के शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने कहा है कि भगवान श्रीराम आदर्श पुरुष हैं और समाज में समरसता के सर्वोत्तम उदाहरण हैं।

श्री दिलावर गुरुवार को यहां कोटा के वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय में आयोजित सामाजिक समरसता के प्रतीक श्रीराम विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि समरसता भारतीय समाज का मूल आधार रही है और भारत आदिकाल से ही समरस रहा है। सनातन संस्कृति के वाहक हम हिंदुस्तानी भारत को मां के रूप में मानते हैं और जब हम समाज के सभी अंग भारत मां की संतान हैं तो फिर भेद कैसे। हम अलग कैसे हो सकते हैं। इसलिए भारत सदैव से ही समरस है और यही हमारे समाज का मजबूत आधार है।

श्री दिलावर ने कहा कि हमें छोटे या बड़े का भेद बुलाकर छोटे भाई और बड़े भाई की तरह आपसी प्रेम से रहना होगा और एक दूसरे का हाथ थाम कर आगे चलना होगा। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अब हमें समरसता की बात करनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि हमें ऊंच नीच के भेद को मिटाकर एकाकर होना होगा। समरसता को आत्मसात करना होगा नहीं तो देश और समाज कमजोर होगा और देश संकट में पड़ेगा। इसलिए हम सबको सोच बदलनी होगी। देश को प्रथम मानकर समाज को मजबूत करना होगा!श्री दिलावर ने कहा कि श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। उन्होंने समाज को एक होकर हर चुनौती का सामना करने की प्रेरणा दी। श्री राम ने केवट और निषाद राज को पूरा सम्मान दिया तो सबरी द्वारा झूठे बेर खिलाए जाने पर प्रेमपूर्वक झूठे बेर भी खाये। श्रीराम ने शबरी की जाति या वर्ग को महत्व देने की बजाय उनके ममत्व को सम्मान दिया। शबरी मां के प्रेम से दिए हुए झूठे बेर भी खाकर सामाजिक समरसता का विश्व का सर्वोत्तम उदाहरण पेश किया। उन्होंने कहा कि हमें भी समाज को समरस करना है तो आपसी प्रेम संबंध और भाईचारे को महत्व देना होगा तभी समाज एककार होकर समरस होगा।

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