मुरैना , नवम्बर 14 -- मध्यप्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी विभाग के राज्यमंत्री लखन पटेल ने शुक्रवार को जिले के सुप्रसिद्ध पटिया वाले बाबा पर पहुंचकर दर्शन किए, पूजा-अर्चना की तथा वृहद् स्तर पर संचालित गौशाला का निरीक्षण किया।
राज्यमंत्री ने कहा कि जिले में स्वावलंबी गौशालाएँ विकसित करने के लिए प्रदेश स्तर से 20 गौशालाओं की स्वीकृति दी गई है, जिनमें मुरैना भी शामिल है। आने वाले समय में प्रत्येक जिले में स्वावलंबी गौशालाएँ स्थापित की जाएँगी। उन्होंने बताया कि एक स्वावलंबी गौशाला के लिए कम से कम 130 एकड़ भूमि आवश्यक होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि वन विभाग की भूमि का उपयोग चारा उत्पादन के लिए किया जा सकता है, लेकिन गौ-अभयारण्य के लिए नहीं। कार्यक्रम में महाराज दीनबंधु दास, समाजसेवी तथा बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
राज्यमंत्री पटेल ने कहा कि पटिया वाले बाबा पर जनसहयोग से गौशाला का सुव्यवस्थित संचालन प्रशंसनीय है। यहां नंदी, स्वस्थ गायें, बीमार गायें और बछड़ों को अलग-अलग शेड में रखने की व्यवस्था है, जिससे कमजोर पशुओं को चोट न पहुंचे। उन्होंने भूसा भंडारण स्थल, दाना मिश्रण व्यवस्था तथा गौवंश के पोषण हेतु किए गए प्रबंधों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने गौशाला के लिए एक अतिरिक्त शेड निर्माण की घोषणा भी की।
उन्होंने कहा कि भविष्य में नस्ल सुधार पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। देशी नस्लों के साथ-साथ जर्सी जैसी दुग्ध उत्पादक नस्लों को भी बढ़ावा देने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि गिर गाय श्योपुर क्षेत्र से लाई जाती है, जबकि ब्राजील और गुजरात में इसे बड़े पैमाने पर पाला जा रहा है, जहां यह गाय 60 लीटर तक दूध देती है।
महंत द्वारा कृत्रिम गर्भाधान उपकेंद्र की जानकारी देने पर राज्यमंत्री ने पशुपालन विभाग के उपसंचालक को पशु औषधालय के उन्नयन का प्रस्ताव भोपाल भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गोबर गैस, सीएनजी प्लांट, सोलर प्लांट और नस्ल सुधार पर विशेष ध्यान दिया जाए। भविष्य में बछिया रोजगार का प्रभावी साधन बन सकती है।
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