जयपुर , अक्टूबर 09 -- राजस्थान उच्च न्यायालय की जयपुर पीठ ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी-यूजी ) अभ्यर्थी को बड़ी राहत देते हुए परामर्श बोर्ड द्वारा उसका प्रवेश रद्द करने का आदेश निरस्त कर दिया है।
न्यायालय ने अभ्यर्थी नरेन्द्र महला को आगामी तीसरे चरण की काउंसलिंग में भाग लेने की अनुमति देने और पूर्व में जमा राशि को शुल्क के रूप में समायोजित करने के बुधवार को निर्देश दिए।
नरेन्द्र और अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश समीर जैन ने कहा कि परामर्श बोर्ड द्वारा याचिकाकर्ता की पांच लाख रुपये की सुरक्षा राशि जब्त करना अवैध है और यह अनुचित लाभ का उदाहरण है।
न्यायालय ने यह माना कि याचिकाकर्ता पिताविहीन होने और गरीब पृष्ठभूमि से है और 29 सितम्बर 2025 को परदादी के निधन और बीच में सरकारी अवकाश होने के कारण वह समय पर शेष शुल्क 13 लाख 90 हजार रुपये जमा नहीं कर सका। अदालत ने कहा कि इस परिस्थिति में कुछ घंटों की देरी को सद्भावनापूर्ण और न्यायोचित मानना ही उचित है।
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