जयपुर , नवम्बर 14 -- केंद्रीय पशुपालन एवं डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह ने केन्द्र सरकार को ऊंट पालन एवं डेयरी क्षेत्र के सतत विकास के लिए प्रतिबद्ध बताते हुए कहा है कि राजस्थान में ऊंटनी के दूध के पाउडर प्लांट लगाने पर विचार किया जा रहा है।

श्री सिंह पशुपालकों की आय बढाने, ऊंट पालन एवं डेयरी क्षेत्र के सतत विकास के लिए केन्द्रीय मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय की परामर्शदात्री संसदीय समिति की आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने राजस्थान प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर पशुपालकों के विकास के लिए हरसंभव सहयोग का भरोसा दिलाते हुए प्रदेश में ऊंटनी के दूध का पाउडर प्लांट लगाने के लिए विचार करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि राजस्थान जैसे मरुस्थलीय क्षेत्रों में ऊंट न केवल सांस्कृतिक पहचान हैं बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ भी है। ऐसे में ऊंट पालकों के हित में राजस्थान सरकार की ओर से भेजे गये प्रस्तावों पर शीघ्र-अतिशीघ्र निर्णय लिया जाएगा।

इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल एवं जॉर्ज कुरियन ने भी ऊंट पालकों से संवाद किया और उनके सुझावों को नीति निर्माण में शामिल करने का आश्वासन दिया। इस दौरान डेयरी विकास की विभिन्न योजनाओं पर आधारित पुस्तिका का विमोचन भी किया गया।

बैठक के दौरान जैसलमेर जिले के लगभग 150 प्रमुख ऊंट पालकों ने भाग लिया एवं ऊंट पालन से जुड़ी समस्याओं, चुनौतियों एवं संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की। ऊंटों की नस्ल संरक्षण, ऊंट आधारित उत्पादों के विपणन, डेयरी उद्योग से जुड़ी पहल एवं राज्य में पशुधन विकास की दिशा में ठोस सुझाव प्रस्तुत किए गए।

इस अवसर पर राजस्थान के पशुपालन, गोपालन, डेयरी एवं देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत ने प्रदेश में किसानों की आय दोगुनी करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें पशुपालन गतिविधियों से जोड़े जाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से प्रदेश में पशुपालन और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा दे रही है। पशुपालन से किसानों की आय बढ़ेगी और वे आत्मनिर्भर होंगे।

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