मंत्री ने कहा कि लालू यादव ने बेटे तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने के एकमात्र उद्देश्य से राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लालू यादव ने पिछड़ा-अतिपिछड़ा विरोधी कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर बिहार के पिछड़ों के साथ गद्दारी की है। यह तथ्य है कि राजद जब भी सत्ता में आएगी, गैर-यादव (लालू परिवार, पिछड़ा समाज सहित दलित, वंचित, मुसलमान) बिहार का मुख्यमंत्री नहीं बनेगा। जबकि राजग के सत्ता में रहते हुए किसी भी समाज के मुख्यमंत्री बनने की संभावना है।मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि राजद ने अपने 15 साल के शासन में बिहार में स्थानीय निकायों और पंचायत के चुनाव नहीं होने दिए और पिछड़ा, अतिपिछड़ा, दलित, आदिवासी समाज के लोगों को आरक्षण के लाभ से वंचित रखा। दूसरी ओर, उन्होंने भाजपा की चर्चा करते हुए कहा कि भाजपा ने देश को पहला ओबीसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूप में दिया। भाजपा ने आज मध्यप्रदेश और हरियाणा में ओबीसी, छत्तीसगढ़, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश में एसटी मुख्यमंत्रियों के हाथ में प्रदेश की कमान देने का काम किया है। देश के उपराष्ट्रपति ओबीसी समाज के सीपी राधाकृष्णन को भी भाजपा ने ही समर्थन दिया।मंत्री ने कहा कि भाजपा ने ओबीसी समाज को केवल नारों में नहीं, बल्कि नीतियों में दर्जा दिया। जातिगत जनगणना को लेकर मोदी सरकार का निर्णय ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा कि 01 मार्च 2027 से जातिगत जनगणना का काम पूरे देश में शुरू हो जाएगा। उन्होंने पिछड़े और अति-पिछड़ा वर्ग के लिए विभिन्न योजनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि वर्ष 2006 से पंचायतों में 20 प्रतिशत तक आरक्षण लागू है। पंचायती राज संस्थानों की तरह नगर निकायों के सभी कोटि के पदों पर भी वर्ष 2007 से 20 फीसदी तक का आरक्षण, ऐसा करने वाला बिहार देश का पहला राज्य बना। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि पिछड़े और अति-पिछड़ा समाज कभी भी राजद को बिहार की सत्ता नहीं सौपेंगे।

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