पौड़ी , नवम्बर 06 -- उत्तराखंड में राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के बेस चिकित्सालय में स्त्री रोग विशेषज्ञ (गायनोलॉजिस्ट) विभाग के डॉक्टरों ने असामान्य गर्भाशय में रक्तस्राव की गंभीर समस्या से जूझ रही महिला रोगी के गर्भाशय का ऑपरेशन कर लगभग पांच किलोग्राम वज़न का फाइब्रॉइड निकला कर चिकित्सा सेवा क्षेत्र में उत्कृष्ट उदाहरण पेश किया।

महिला के गर्भाशय का आकार 36 सप्ताह के गर्भ के बराबर हो गया था, जिसे गोपेश्वर से श्रीनगर बेस अस्पताल रेफर किया गया था।

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ आशुतोष सयाना ने गुरुवार को कहा, "बेस अस्पताल श्रीनगर में लगातार चिकित्सा सेवाओं के स्तर को ऊंचा उठाने की दिशा में कार्य कर रहा है। विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती और आधुनिक तकनीकी उपकरणों की उपलब्धता से अब बेस चकित्सालय में जटिल ऑपरेशन भी सफलतापूर्वक किये जा रहे है। हमारा लक्ष्य है कि गढ़वाल मंडल के हर मरीज को यहां बेहतर इलाज की सुविधा मिले और किसी को बड़े शहर की ओर न जाना पड़े।"जानकारी के अनुसार जोशीमठ उर्गम गांव की 48 वर्षीय कमला को असामान्य गर्भाशय में रक्तस्राव की गंभीर समस्या थी। जांच में पाया गया कि उसके गर्भाशय में लगभग पांच किलोग्राम वज़न का फाइब्रॉइड था, जिससे गर्भाशय का आकार 36 सप्ताह के गर्भ के बराबर हो गया था। मरीज को गोपेश्वर से रेफर किया गया था।

डॉक्टरों ने टोटल एब्डॉमिनल हिस्टेरेक्टॉमी विथ बिलैटरल सैल्पिंगो-ओओफोरेक्टॉमी) प्रक्रिया द्वारा फाइब्रॉइड को सफलतापूर्वक निकाल दिया। ऑपरेशन के बाद मरीज की स्थिति सामान्य है। दोनों मरीजों ने स्वस्थ होने के बाद राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के डॉक्टरों और चिकित्सा टीम के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त की।

वहीं महिलाओं से संबंधित जटिल मामलों का इलाज अब श्रीनगर में ही संभव हो रहा है, जिससे दूरदराज़ के क्षेत्रों जैसे रुद्रप्रयाग, पौड़ी, टिहरी, चमोली आदि जिलों की महिलाओं को देहरादून या अन्य महानगरों की ओर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती।

डॉक्टरों ने एक अन्य महिला रुद्रप्रयाग निवासी पूजा का लैप्रोस्कोपिक ओवरीयन टॉर्शन ऑपरेशन किया गया। जांच के दौरान मरीज की ओवरी (अंडाशय) में आठ सेंटीमीटर का सिस्ट पाया गया। उल्लेखनीय है कि मरीज के पहले भी दो ऑपरेशन हो चुके थे, फिर भी इस बार चिकित्सकों ने लैप्रोस्कोपी विधि से सिस्ट को सफलतापूर्वक निकालने में सफलता प्राप्त की। ऑपरेशन के बाद अब मरीज पूर्णतः स्वस्थ है और उसने डॉक्टरों के प्रति आभार व्यक्त किया।ऑपरेशन टीम का नेतृत्व स्त्री रोग विशेषज्ञ विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. नेहा काकरान ने किया। डॉ नेहा ने बताया कि गायनी विभाग निरंतर गंभीर और जटिल मामलों का इलाज कर रहा है तथा महिलाओं को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने के लिए विभाग पूरी तरह प्रतिबद्ध है। ऑपरेशन टीम में डॉ. निधि, डॉ. पूजा, आकाश, तथा एनेस्थीसिया टीम से असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मोहित कुमार, डॉ. कीर्तन और डॉ. मुस्तकीन शामिल रहे।

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